पुणे : “हमारा देश प्राचीन संस्कृति, परंपराओं से समृद्ध है। आज इक्कीसवीं सदी में प्राचीन और आधुनिकता के संयोजन से ही राष्ट्र की प्रगति संभव है। आत्मनिर्भरता, समग्र विकास से ही संभव है, केवल एक या दो क्षेत्रों में अच्छा कार्य करना काफी नहीं होगा बल्कि सभी क्षेत्रों का विकास होना आवश्यक है, जिसमें विकास के साथ मानवता का भी विकास समग्र रूप से होना चाहिए” यह विचार महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने व्यक्त किए । उन्होने यह वाक्य सुर्यदत्ता एज्युकेशन फाऊंडेशन की ओर से संस्थान के 23वें वार्षिकोत्सव अवसर पर दिये जाने वाले ‘सुर्यदत्ता राष्ट्रीय जीवनगौरव’ और सुर्यदत्ता राष्ट्रीय पुरस्कार’ का वितरण करने के बाद अपना वक्तव्य में कहे ।
आचार्य डॉ लोकेशजी के सान्निध्य में आयोजित समारोह की अध्यक्षता नालंदा विश्वविद्यालय के चान्सलर पद्म भूषण श्री विजय भाटकर जी ने की। भजन सम्राट श्री अनूप जलोटा ने एवं अभिनेता रजा मुराद, ने बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया सुर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. संजय चोरडिया व उपाध्यक्ष सुषमा चोरडिया ने अपने विचार व्यक्त किये।
स्व. डॉ टी बी सोलबक्कनवर (काला व संस्कृति), श्री किरण कुमार (भारतीय सिनेमा), श्री अभय श्रीश्रीमाल जैन (वैश्विक उद्यमिता), डॉ मुकुन्द के गुर्जर (विज्ञान व तकनीक), श्रीमति ज्योत्स्ना आर चोपड़ा (जैविक खाद्य उत्पादन), श्री विक्रम राज़दान (प्रोड्यूसर व निर्देशक), डॉ आर एम अग्रवाल (चिकित्सा समाज सेवा), श्री कृष्णा प्रकाश (प्रशासनिक सेवा) आदि को ‘सुर्यदत्ता राष्ट्रीय जीवनगौरव पुरस्कार’ प्रदान किया गया। वहीं पद्मश्री श्री पं. विजय घाटे (भारतीय शास्त्रीय संगीत), डॉ अदयशा दास (पर्यटन), श्री अजिंक्य देव (सिनेमा), विंग कमांडर तरुण कुमार चौधरी (ब्रेवरी), श्री साजन शाह (मोटीवेशनल स्पीकर), मिस लावण्या राजा (वैश्विक उद्यमिता), मिस रिया जैन (फ़ाइन आर्ट), मिस राधिका ए जे (क्रिएटिव आर्ट) को ‘सुर्यदत्ता राष्ट्रीय पुरस्कार’ देकर सम्मानित किया गया।
पुरस्कार के इस उन्नीसवें वर्ष के भव्यतम आयोजन से अभिभूत मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोशियारी ने कहा कि हर व्यक्ति राष्ट्र की प्रगति में योगदान देता है। उल्लेखनीय कार्य करने वाले इन व्यक्तित्वों का सम्मान कर के सुर्यदत्ता ग्रुप छात्रों के सामने ऊर्जा केंद्र बना है।
शांतिदूत आचार्य डॉ लोकेशजी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सूर्यदत्ता शिक्षा संस्थान नैतिकता व मूल्य आधारित शिक्षा का अनूठा उदाहरण है ।यह संस्थान विज्ञान, अध्यात्म और कला का अद्भुत संगम है |
इस दौरान पद्मा भूषण श्री विजय भाटकर ने कहा, पुरस्कार समारोह के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को संस्था से जोड़ने का काम सुर्यदत्ता कर रहा है। उन्होंने कहा कि छात्रों की प्रगति में संस्था के इस काम का आदर्श महत्वपूर्ण है।
भजन सम्राट श्री अनप जलोटा ने कहा कि भारतीय संस्कृति को देश-दुनिया बढ़ाने वाली शख्सियतें सदैव भारत में जन्म लेती रहें एवं अपनी प्रतिभा के माध्यम से भारत देश को दुनिया में और उचाइयों पर लेकर जा सकें।
अभिनेता श्री रजा मुराद ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि ये विजेता वास्तव में विजेता हैं, जिनके काम से सही मायने में समुदाय की सेवा की जा रही है।
सूर्यदत्ता ग्रुप के फाउंडर चेयरमैन डॉ. संजय चोरडिया ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि विभिन्न क्षेत्रों की आदर्श हस्तियों को सम्मानित करके छात्रों को प्रेरित करने का एक यह एक प्रयास भर है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी हमारे सामने प्रेरणा स्रोत हैं। इस अवसर पर सूर्यदत्ता ग्रुप के कार्यकारी विकास अधिकारी श्री निशांत चोरडिया सहित बड़ी संख्या में गणमान्य एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। स्व. बंशीधरजी एवं रतनी बाई चौरडिया के छायाचित्र के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप रोशन कर एवं राष्ट्रगान के साथ शुरू हुए कार्यक्रम में सूर्यदत्ता के सीईओ डॉ. शैलेश कासंडे ने सभी उपस्थित महानुभावों को धन्यवाद ज्ञापित किया।