लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए खड़गे, बताई ये वजह

बुशरा असलम।

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन-जो उनके दूसरे कार्यकाल का आखिरी भाषण था। झूठ,अतिशयोक्ति और अस्पष्ट वादों से भरा एक “मूर्ख चुनावी भाषण” कहा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे,लाल किले पर आधिकारिक स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल नहीं हुए। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर लोकतंत्र, संविधान और स्वायत्त संस्थानों को बड़े खतरे में डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि,“महान लोग नया इतिहास लिखने के लिए पुराने इतिहास नहीं मिटाते।रेखा बड़ी खींचते हैं,पहले से खींची गई रेखा को काटकर या मिटाकर छोटा नहीं करते,”

खड़गे के कार्यक्रम में शामिल न होने पर भाजपा ने तीखी आलोचना की।

खड़गे ने लाल किले से दूर रहने का कारण सुरक्षा प्रतिबंधों को बताया।उन्होने कहा कि,“सबसे पहले, मेरी आंखों में समस्या है। दूसरे, प्रोटोकॉल के मुताबिक मुझे सुबह 9.20 बजे अपने आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराना था. कांग्रेस कार्यालय पर भी तिरंगा फहराने आना था. अगर मैं वहां जाता तो यहां तक नहीं पहुंच पाता. सुरक्षा इतनी कड़ी है… जब तक प्रधानमंत्री न निकल जाएं, किसी को निकलने नहीं देते. आजकल तो गृह मंत्री,रक्षा मंत्री तक निकल नहीं पाते. फिर हमारा नंबर उन सभी के बाद आता है।”

खड़गे ने यह संकेत देने के लिए भी प्रधानमंत्री की आलोचना की। कि, वह अगले साल भी राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए लौटेंगे। “अगले साल, वह अपने घर के ऊपर झंडा फहराएंगे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बोला कि,हर कोई कहता है कि वह बार-बार जीतेगा, लेकिन जीतना और हारना जनता के हाथ में है, मतदाताओं के हाथ में है… वह जो भी कह रहे हैं वह ‘ अहंकार की बात ‘ है, वह स्वतंत्रता दिवस पर भी विपक्ष पर हमला कर रहे हैं… आप ऐसे निर्माण करेंगे देश,”

अपने स्वतंत्रता दिवस संदेश में खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र, संविधान और स्वायत्त संस्थाएं सभी बड़े खतरे में हैं। संसद और बाहर विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है.

“विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं; सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स की छापेमारी जारी है. चुनाव आयोग को कमजोर किया जा रहा है. संसद में विपक्षी सांसदों को निलंबित कर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. कभी माइक बंद कर दिया जाता है. कभी किसी की बात काट दी जाती है. विशेषाधिकार प्रस्ताव लाए जा रहे हैं. वे कह रहे हैं कि हम लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं…कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है…संसद में जब मैं उठता हूं तो मेरा माइक बंद हो जाता है। वे एक तरफ लोकतंत्र का ढिंढोरा पीट रहे हैं और दूसरी तरफ सबकी आवाज बंद कर रहे हैं.

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