अमेरिकी सैनिकों के अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने के बाद ख़लीलज़ाद ने फ़ाइनैंशियल टाइम्स को पहला इंटरव्यू दिया है.
इस इंटरव्यू में ख़लीलज़ाद ने कहा है कि अगर राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी अचानक मुल्क छोड़कर ना भागे होते तो स्थिति कुछ और होती.
ख़लीलज़ाद ने कहा है कि तालिबान के साथ आख़िरी मिनट में जिस समझौते पर सहमति बननी थी, उस पर अशरफ़ ग़नी के भागने से पानी फिर गया. ख़लीलज़ाद ने कहा कि समझौते के तहत इस्लामिक अतिवादियों से काबुल को अलग रखना था और राजनीतिक हस्तांतरण पर बात हो रही थी.
ख़लीलज़ाद को 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान के साथ वार्ता में विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया था. ख़लीलज़ाद के अनुसार योजना के तहत ग़नी को क़तर में किसी समझौते पर पहुँचने तक पद पर बने रहना था.
गौरतलब है कि अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के साथ राजनीतिक समाधान के लिए जिस वार्ता की शुरुआत की थी, उसमें ज़ल्मय ख़लीलज़ाद को विशेष प्रतिनिधि बनाया था.