सीएम योगी का दावा, महिला सुरक्षा पर दिया खास ध्यान, पर डेटा में कहानी कुछ और!

लखनऊ/ बुशरा असलम। यूपी में योगी सरकार के चार साल पूरे होने पर सीएम योगी ने ‘डेवलपमेंट बुकलेट’ जारी की। बुकलेट में सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया गया है। यूं तो योगी सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर भी इस डवेलपमेंट बुकेलट में बहुत सी बातें कही हैं। लेकिन नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं।

NCRB डेटा के मुताबिक देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में साल 2018 और 2019 में आंकड़ों में उत्तर प्रदेश 59,445 और 59,853 मामलों के साथ सूची में सबसे ऊपर है। एनसीआरबी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 2016 से 2019 तक 20% की वृद्धि हुई है। यूपी में साल 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 56011 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2018 में संख्या बढ़कर 59,445 हो गई। इसके अगले साल भी संख्या बढ़कर 59,853 रही। इन वर्षों में संख्या बढ़ रही है। इससे पहले 2015 में 35,908 मामले दर्ज किए गए थे और 2016 में 49,262 मामले दर्ज किए गए थे। 2018 के आंकड़ों के मुताबिक राज्य 15.7% मामलों के साथ शीर्ष पर है। कुल मामलों में से, 2444 दहेज हत्या के, 14233 घरेलू हिंसा के और 15,381 अपहरण के हैं।

2018 में, 1411 नाबालिगों सहित 4, 322 पीड़ितों के साथ 3, 946 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। 2017 में राज्य ने 4,246 बलात्कार के मामलों की रिपोर्ट की। जिसमें लगभग 1,560 मामलों में पीड़िता नाबालिग थी। 2018 के दौरान POCSO के तहत 5,401 मामले दर्ज किए गए।

2018 की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राज्य पुलिस के पास हर दो घंटे में बलात्कार का मामला दर्ज किया जाता है। NCRB की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2018 में बलात्कार के 4,322 मामले सामने आए, जिसमें लगभग 12 हर दिन दर्ज किए गए।

2018 में राज्य में महिलाओं के खिलाफ 59,445 अपराध दर्ज किए गए हैं यानी 162 मामले हर रोज रिपोर्ट किए गए। 2017 में 56,011 मामले दर्ज किए गए यानी हर रोज 153 मामले दर्ज किए गए।

2017 में 139 बच्चियों के साथ बलात्कार किया गया जबकि 2018 में ये संख्या 144 रही। NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में 2,736 मामलों के साथ अपराध के मामले में लखनऊ 19 शहरों में शीर्ष पर है। उत्तर प्रदेश में 2018 में दहेज हत्याएं के 2,444 मामले दर्ज किए गए। जबकि 2017 में ये संख्या 2,524 थी।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘उत्तर प्रदेश में बलात्कार के मामले 3,946 हैं, न कि 4,322। 2017 के मुकाबले 2018 में बलात्कार के मामलों में वास्तव में 7 प्रतिशत की कमी आई है।’

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