मथुरा/ मदन सारस्वत। वृन्दावन कुम्भ क्षेत्र पूरी तरह वीरान नजर आने लगा है, लाखों रूद्राक्षों से बनाये गये शिव लिंग ज्यों के त्यों खडे हैं, गरूण जी जो पूरे कुम्भ में हर दर्शनार्थी व श्रद्धालु के लिए आकर्षण का केन्द्र थे हजारों सेल्फी ली गयी होंगी अब वह भी धोबी घाट के बीचों बीच अभी भी दर्शन दे रहे हैं। देवरहा घाट सूना पड़ा है, अभी सामान समेटा जा रहा है, बच्चों के लिए मनोरंजन करने बाला झूला भी अभी हवा में अकेला ही खड़ा है। शौचालय और चैजिंग रूम भी अब हटने लगे हैं, सड़के अब वीरान हैं, कुछ श्रद्धालु देवरहा बाबा की समाधि को और यमुना को नमन कर रहे हैं। ब्रजभाषा के कवि श्री डॉ उमाशंकर राही जी की कविता जहां लोगों का स्वागत कर रही थी, वह अब भी कर रही है।