ऋषिकेश मिश्र।
रायपुर। राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में पिछले तीन सालों में 25 हजार 164 आदिवासी बच्चों की मौत हो गई है। उन्होंने सरकार से जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। नेताम के बयान पर छत्तीसगढ़ सरकार के प्रवक्ता और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने आंकड़ों को झूठा करार दिया था। लेकिन अब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि ये आंकड़े राज्य के स्वास्थ्य विभाग के डाटा बैंक से लिए गए हैं।
रामविचार नेताम ने सरकार पर नाकामी और संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकांश बच्चों की मौत निमोनिया, खसरा और डायरिया जैसी बीमारियों से हुई है। इस दौरान प्रदेश में 955 महिलाओं ने प्रसव के दौरान दम तोड़ दिया है। उनके इस बयान को राज्य सरकार ने गलत करार दिया था। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि तमाम आंकड़े गलत हैं। उन्होंने दावा किया कि इन फर्जी आकड़ों का स्रोत भाजपा है। बीमारी से मौत के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है और भाजपा मौत पर सियासत करना चाहती है।
अब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने रामविचार नेताम के बयान को सही ठहराते हुए कहा कि ये आंकड़े राज्य के स्वास्थ्य विभाग के डाटा बैंक से लिये गए हैं। उन्होंने कहा कि “वह हमारे पास मौजूद 3 सालों के आंकड़े हैं। हम सबका ध्यान दिलाने के लिए राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम का धन्यवाद। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति की वजह से मैदानी इलाकों की तुलना में दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। नेताम जी ने जो बातें उठाई हैं, उस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।”
गौरतलब है कि 8 फरवरी को राज्य सभा में सांसद रामविचार नेताम ने छत्तीसगढ़ की जनजातीय महिलाओं और बच्चों की कुपोषण और अन्य बीमारियों के कारण हुई मृत्यु के मामलों की जानकारी मांगी थी। इस सवाल के जबाव में बताया गया कि छत्तीसगढ़ में बीते 3 साल में आदिवासी महिलाओं और बच्चों की मृत्यु दर में वृद्धि हुई है। आंकड़े पेश करते हुए नेताम ने कहा कि केंद्र सरकार हर साल हजारों करोड़ रुपए राज्य सरकार को देती है, लेकिन राज्य सरकार को आदिवासियों की चिंता नहीं है। इसके बाद रामविचार नेताम रायपुर में प्रेस वार्ता बुलाकर आरोप लगाया कि ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर मुख्यमंत्री बने भूपेश बघेल को सत्ता स्वास्थ्य मंत्री को ट्रांसफर करना था। इसके लिए खींचतान के कारण स्वास्थ्य विभाग को खामियाजा भुगतना पड़ा।