-युवाओं को जोडने के लिए बता रहे अपनी प्राथमिकताएं
मथुरा/ मदन सारस्वत। मथुरा के ग्रामीण इलाकों में पहले पंचायत चुनाव के दौरान गांवों की गलियां पोस्टर-बैनर से पट जाती थीं। वक्त के साथ चुनाव प्रचार का तरीका भी बदल गया है। इस बार उम्मीदवार प्रचार के लिए सोशल मीडिया को हथियार बनाए हैं। प्रत्याशी फेसबुक व्हाट्सएप से प्रचार करने पर जोर दे रहे हैं। व्हाट्सएप पर सुबह शाम अभिवादन कर मतदाताओं को लुभाया जा रहा है। वार्ड संख्या के ग्रुप बना लिए हैं। खास कर युवा मतदाताओं तक पहुंच बनाने और उन्हें अपनी ओर रिझाने के लिए अब इस ठेठ ग्रामीण चुनाव मंे भी प्रत्याशी सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। वार्ड 33 से आम आदमी पार्टी समर्थित प्रत्याशी के पति यतेन्द्र कहते हैं कि सोशल मीडिया के जरिये आप अपनी बात बेहतर तरीके से एक साथ कई लोगों के सामने रख सकते हैं। लोगों की शंकाओं समाधान भी कर सकते हैं। अगर आप सुलझे हुए व्यक्ति हैं और आपका विजन साफ है तो बहस के लिए भी खूब गुजाइश बचती है। यह आपको लाभ पहुंचा सकती है।
गांव काराब में प्रधान पद के एक प्रत्याशी ने बताया कि अब गांव-देहात में हर किसी के पास मोबाइल फोन हैं। ऐसे में प्रचार का सोशल साइटों से अच्छा दूसरा कोई विकल्प नहीं हो सकता। क्षेत्र पंचायत सदस्य के एक प्रत्याशी बोले इससे पोस्टर-बैनर का खर्च भी बच रहा है। हालांकि इस बदली हुई चुनाव प्रचार की शैली से प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को झटका लगा है। चुनावी सीजन का कारोबार तकरीबन 35 से 40 फीसदी प्रभावित हुआ है। लोग प्रचार सामग्री छपवाने में बहुत कम रुचि दिखा रहे हैं। मोबाइल पर प्रचार चर्चा का विषय भी है। किसी को पसंद आ रहा है तो कोई इसको गलत भी बता रहा है। लगभग सभी प्रत्याशियों ने व्हाट्स एप पर अपने ग्रुप बनाकर मतदाताओं को जोड़ लिया है। उनके समर्थक भी ऐसा कर रहे हैं। एक प्रत्याशी के तीन-तीन व्हाट्स एप ग्रुप हैं। जिला पंचायत के प्रत्याशियों ने अपने वार्ड संख्या के नाम पर ग्रुप बना लिए हैं। इन ग्रुप में प्रत्याशी अपने प्रचार के साथ-साथ दूसरे प्रत्याशियों की जमकर बुराई भी कर रहे हैं। ग्रुप में प्रत्याशी अपने बारे में गाने भी प्रसारित कर रहे हैं, जो स्थानीय गायकों ने गाए हैं।