मथुरा/ मदन सारस्वत। पिछले साल लगाये गये देशव्यापरी लाॅकडाउन के कडवे अनुभवों को लेग अभी भूले नहीं हैं। एक बार फिर लाकडाउन की आशंका से दूरदराज में बसे लोग बेचैन होने लगे हैं। अपनेे घर लौटने की छटपटाहट बढने लगी है। पुराने अनुभवों से सरकारों ने भी सीखा है। इस बार प्रवासी मजदूरों को परेशानी कम से कम हो इसके इंतजाम किये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रोडवेज बसों की व्यवस्था शुरू कर दी है। मथुरा में ट्रेनों से लौटने वाले कामगारों के लिए अतिरिक्त बसें तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।
गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश के जिलों से मथुरा में प्रवासियों के लौटने का सिलसिला जारी है। अब प्रदेश सरकार ने भी प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रोडवेज बसों की व्यवस्था शुरू कर दी है। आगरा और मथुरा से 100 बसें आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। प्रवासियों की ट्रेनों में बढ़ती तादाद के मद्देनजर परिवहन निगम को भी बसों की व्यवस्थाएं करने के लिए कहा गया है। परिवहन मुख्यालय, लखनऊ के निर्देशों के बाद 100 बसों को आरक्षित रखा जाएगा। इन बसों को हरियाणा, पंजाब, राजस्थान से आने वाले श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रखा गया है। इसके अलावा भी रेलवे स्टेशनों पर रोडवेज कर्मचारियों की ड्यूटी लगेगी, यदि किसी ट्रेन से ज्यादा संख्या में यात्री आते हैं तो ऐसे में कर्मचारी संबंधित डिपो से बसें रेलवे स्टेशन पर ही लगवाएगा, ताकि प्रवासी सीधे अपने जिलों तक पहुंच सके हैं।
गुरुवार को भी आगरा कैंट और आईएसबीटी पर प्रवासी आए। किसी को जौनपुर तो किसी को गोरखपुर तक जाना था। रामभरत ने बताया कि वह कानपुर देहात जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा है। वह फरीदाबाद से लौटा है।