मथुरा/ मदन सारस्वत। आगरा विश्वविद्यालय से सम्बद्ध मथुरा के दो महाविद्यालयों में प्राचार्य पद का विवाद वरिष्ठता सूची को लेकर चल रहा है। जिसमें विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव ने पत्र जारी कर विवाद समाप्त करने के लिए नियमों का हवाला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय का संदर्भ भी दिया है। जिसमें इसी प्रकार के अन्य विवाद में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय लिया था। उसके आधार पर भी विवाद को समाप्त किया जाना न्याय संगत होगा।
आपको बताते चलें कि मथुरा के किशोरी रमण महाविद्यालय और किशोरी रमण महिला महाविद्यालय में पिछले काफी समय से प्राचार्य पद को लेकर विवाद चल रहा है, जिसमें सहायक कुलसचिव ने अपने पत्र में साफ कहा है कि अगर किसी महाविद्यालय में कभी कोई कार्यवाहक प्रधानाचार्य की नियुक्ति हुई है। तो उसे शिक्षक वरिष्ठता सूची बनाने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है इस बारे में उन्होंने विश्वविद्यालय के नियमों का भी हवाला अपने पत्र में दिया है। दोनों ही महाविद्यालय में जिला प्रशासन मथुरा कंट्रोलर की भूमिका निभा रहा है। और विश्वविद्यालय के सहायक कुल सचिव द्वारा जारी किया गया यह पत्र विवादों की समाप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। क्योंकि नियमानुसार विवाद समाप्त ही विद्यार्थियों और महाविद्यालय दोनों के हित में है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन मथुरा इस पत्र के नियमों को कितनी गंभीरता से लेता है।