गोठा रामलीला मंचन में राम वनगमन दृश्य पर दर्शकों की नम हुई आंखें

दोहरीघाट/ पवन उपाध्याय। क्षेत्र के गोंठा की रामलीला मंचन के पहले दिन राम वनगमन लीला का मंचन किया गया। वहीं राम वनगमन कार्यक्रम की शुरुआत रामलीला भवन में आरती के साथ हुई। प्रभु श्रीराम रामलीला भवन से होते हुए काली चौक स्थिति बने कुटिया में गुरु वशिष्ठ की आज्ञा से वन के लिए निकलते हैं। इस दौरान कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए। रामलीला मंचन में राम वनगमन के दृश्य में राजा दशरथ अपनी वृद्धावस्था को देखकर भगवान राम का राज्याभिषेक करने की बात अपने दरबारियों से करते हैं। यह बात जब मंथरा को पता चलती है तो वह तुरंत कैकई के पास जाकर भरत के राज्याभिषेक के लिए उकसाती है। जिस पर कैकेई कोप भवन में चली जाती है। जिन्हें मनाने के लिए राजा दशरथ वहां पहुंचते हैं। राजा दशरथ को देखकर कैकई उनके द्वारा दिए गए वचनों की याद दिलाते हुए उनसे दो वर मांगती हैं। पहला भरत का राज्याभिषेक और दूसरा भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास, यह बात सुनते ही राजा दशरथ मूर्छित हो गए। होश में आने पर उन्होंने कैकई के वचन को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके बाद राम वनगमन की तैयारी शुरू कर देते हैं। वहीं इस मंचन के बाद प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और सीता जी की हनुमानगढ़ी मंदिर में भव्य आरती की गई। गौरतलब है कि रामलीला के सजीव मंचन में प्रभु श्रीराम का अभिनय रोहित उपाध्याय, लक्ष्मण सोमनाथ पाण्डेय और सीता राम प्रवेश पाण्डेय ने किया।

कार्यक्रम के दौरान आचार्य संजय उपाध्याय, अध्यक्ष अजय उपाध्याय, मंत्री विनय गुप्ता, सिंटू गुप्ता, मंटू राय, पवन उपाध्याय, आयुष गुप्ता, नन्हे पांडे, बहादुर यादव, नितेश गुप्ता, आकाश गुप्ता, चंदन गुप्ता, प्रिंस गुप्ता सहित सैकड़ो राम भक्त मौजूद रहे।

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