- सुहागिन महिलाओं ने सुहाग की रक्षा के लिए रखा तीज व्रत
- गणेश, शिव और पार्वती का व्रती महिलाओं ने विधिवत किया पूजा अर्चना
दोहरीघाट/ पवन उपाध्याय। क्षेत्र में तीज व्रत पर मंगल गीत गाती हुई महिलाओं ने शिव पार्वती को प्रसन्न करने के लिए मंदिरों में पूजा अर्चना किया।
निर्जला तीज व्रत रख कर महिलाओं ने अपनी सुहाग की रक्षा तथा परिवार की समृद्धि के लिए गणेश, शिव और पार्वती की पूजा अर्चना मंदिरों में किया। महिलाएं विविध प्रकार से फल, फूल, धूप लेकर निर्जला व्रत रखकर सुहाग की रक्षा के लिए आराधना किया। विवाहिताओं ने अपने सुहाग की रक्षा और परिवार की खुशहाली के लिए निराजल रहकर शिव पार्वती का मंगल गीतों के माध्यम से आराधना किया।
बतादें कि दोहरीघाट क्षेत्र के गौरीशंकर घाट गोठा क्षेत्र के झारखंडी शिव मंदिर, रामशाला शिव मंदिर, फरसरा खुर्द शिव मंदिर, शाहपुर शिव मंदिर सहित अन्य शिव मंदिरों पर महिलाओं का ताता लगा हुआ था।
क्या है निर्जला तिल का महत्व
निर्जला तीज का विवाहिताओं के जीवन में अत्यधिक महत्व है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस व्रत के द्वारा वे न केवल अपने पति के लिए, बल्कि पूरे परिवार की खुशहाली और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। व्रत से दैवीय आशीर्वाद प्राप्त करने और भौतिक सुख-साधनों में वृद्धि होता है।