हरिद्वार। पूज्य “सद्गुरुदेव” जी ने कहा – दुःखेष्वनुद्विग्नमनाः सुखेषु विगतस्पृहः। वीतरागभयक्रोधः स्थितधीर्मुनिरुच्यते ..॥ समय की कुशल योजना और प्रबंधन सफलता की ओर ले जाता है ! समय प्रबंधन का अर्थ है – प्रकृति द्वारा प्रदत्त महनीय अवसरों का लाभ उठाकर अपनी अनन्तता को उजागर करना। अतः जीवन की दिव्यता, परिपूर्णता, वैशिष्ट्य के लिए समय का सदुपयोग अत्यंत आवश्यक है ..! काल का प्रत्येक क्षण शुभता-समाहित अत्यंत सामर्थ्य-सम्पन्न एवं ऊर्जा-आपुरित है। अतः समय का सदुपयोग हो, वर्तमान में जीएँ और स्वभाव में रहें, यही जीवन के उन्नयन और उत्थान की दिशा में सहज स्वाभाविक साधन हैं ..! आत्म-अनुशासन आपके समय को अच्छी तरह से प्रबंधित करने की कुंजी है। जीवन के क्षण सामान्य नहीं है। उसके मूल्य का पता तब चलेगा, जब जीवन जा चुका होगा। उस समय एक क्षण भी अधिक नहीं ले पाओंगे। इसलिए जीवन में प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करें। समय का चक्र ऐसा होता हैं जो कभी भी स्थिर नहीं होता है। वह सदा ही गतिशील रहता है समय की परख होना बुद्धिमता की निशानी है। जिसमे समय की परख की क्षमता होती हैं। वह समय को पहचानकर उसके अनुरूप कार्य करता हैं और सफलता उसके कदमो को चूमती हैं। समय का सदूपयोग समय की वास्तविक पहचान से ही संभव हैं, इसीलिए हम सभी को समय का महत्व देते हुए उसकी पहचान कर अपने समय का अच्छा से अच्छा उपयोग करना चाहिए ..!
पूज्य “आचार्यश्री” जी ने कहा – मानव के लिए जीवन का प्रत्येक क्षण ईश्वर की एक अनुपम भेंट है। संसार में जितने भी श्रेष्ठतम व्यक्ति हुए हैं, उन्होंने निष्ठा पूर्वक समय की साधना करके ही उपलब्धियाँ, विभूतियाँ अर्जित की हैं, परमानन्द को ब्रह्मानन्द को पाया है। मनुष्य के जीवन में समय की महत्वपूर्ण भूमिका है। वह व्यक्ति जो समय के महत्व को समझता है, वही इसका सही उपयोग कर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहता है। परंतु दूसरी तरफ वे लोग जो समय की महत्ता की अनदेखी करते हैं अथवा समय का दुरुपयोग करते हैं वे जीवन-पर्यन्त असफलता ही पाते हैं। प्रतिस्पर्धा के इस आधुनिक युग में तो समय की महत्ता और भी बढ़ गई है। आज समय गँवाने का अर्थ है – प्रगति की राह में स्वयं को पीछे धकेलना। हमारा प्रत्येक क्षण महत्वपूर्ण है, महनीय है; क्योंकि जो पल एक बार गुजर जाते हैं वे कभी भी वापस नहीं लौटते। सफलता के लिए यदि व्यक्ति समय रहते प्रयास नहीं करता है तो वह जीवन पर्यन्त ठोकरें खाता रहता है और उसकी सफलता मृगतृष्णा की भांति उससे मीलों दूर रहती है। अत: यह आवश्यक है कि यदि संसार में हम एक अच्छा और सफल जीवन व्यतीत करना चाहते हैं तो हम समय के महत्व को समझें और हर क्षण को उसकी पूर्णता के साथ जीएँ ..!