बुधवार, बाद नमाज़े फ़जर क़ुरआन ख़्वानी हुई जिस में दारुल उलूम शाहे रज़ा के तलबा व ज़ाएरीन किराम कसीर तादाद में शरीक हुइ फिर बाद नमाज़े असर हस्बे क़दीम, हस्बे रिवायत सरक़ारी चादर शरीफ़ का एहतेमाम हुआ, सबसे पहले सरक़ारी कव्वाल अरशद काकोरवी ने हम्दो नातो मनक़बत का गुलदस्ता पेश किया उसके बाद दीगर क़व्वालों ने आरिफ़ाना कलाम पेश किए फिर चादर शरीफ बारगाहे शाहे रज़ा में पेश की गई जहां हुज़ूर साहिब सज्जादा हज़रत ख़्वाजा मुहम्मद सबाहत हसन शाह मद्देज़िल्लहुल आली ने तमाम आलमे इंसानियत के लिए ज़ाएरीने किराम की खुशहाली के लिए दुआ फ़रमाई।
आज जिलाधिकारी लखनऊ की तरफ़ से भेजी गई सरकारी चादर श्री सशांक उपाध्याय नायाब तहसीलदार सदर ने दरगाह शरीफ़ के सज्जादानशीन के साथ दादा मियाँ की मज़ार पर चढ़ाई। सरकारी चादर के दौरान उन्होंने सूफ़ियाना क़व्वाली का भी लुत्फ़ लिया।
रात हल्क़ए ज़िक्र की महफ़िल का क़ुरआने पाक की तिलावत से आग़ाज़ हुआ उसके बाद दारुल उलूम शाहे रज़ा के तलबाए किराम ने हम्दो नातो मनक़बत के अशआर पेश किए उसके बाद ज़िक्र के ताल्लुक से मौलाना से सिफ़ातुर्रहमान मज़हरवी बनारसी इब्ने शैख़ुल हदीस हज़रत मुफ्ती अबुल महमूद मुहम्मद मज़हरी अलैह रहमा का ख़िताब हुआ जिसमें ज़िक्र के फायदे और उसकी नूरानियत पर तफ़सीली गुफ्तगू हुई।
कल दिन में एक सेमीनार का आयोजन होगा जिसमें अपना अर्टिकल पेश करने के लिए मधुबनी से सय्यद आरिफ़ इक़बाल साहब मिस्बाही तशरीफ़ ला रहे हैं।