हरिद्वार। महाकुम्भ 2021 के अंतर्गत पूज्य “आचार्यश्री” जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामंडलेश्वर पूज्यपाद स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने सनातन धर्म-संस्कृति के रक्षण- संवर्धन, अज्ञान निवृत्ति एवं कैवल्य की प्राप्ति हेतु बड़ी संख्या में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के साधुओं को संन्यास परम्परा में संन्यास की दीक्षा प्रदान किया। ये संन्यासी लोकमंगल के लिए कार्य करेंगे।
इस अवसर पूज्य “आचार्यश्री” जी ने नव-दीक्षित संन्यासियों को संन्यास के परम गोपनीय पवित्र सूत्र बताये। उनके लोकेषणाओं के त्याग, भगवदप्राप्ति एवं परमार्थ के लिए जीवन जीने हेतु उपदेश किया।