वाराणसी। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडर का उद्धघाटन करेंगे। दोपहर करीब 1 बजे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। उसके बाद वो काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडर के पहले फेज का उद्घाटन करेंगे। इसका पहला फेज 339 करोड़ की लागत से बना है और यह 5 लाख स्कॉयर फीट एरिया में फैला है। वहीं वाराणसी में 40 से ज्यादा प्राचीन मंदिरों को फिर से खोजकर उनका सौंदर्यीकरण भी किया गया है।
पीएम ने 8 मार्च 2019 को रखी थी आधारशिला
बाबा विश्वनाथ के तीर्थयात्रियों को गंगा नदी में डुबकी लगाने और गंगाजल लाकर मंदिर में चढ़ाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। खराब रखरखाव के साथ भीड़भाड़ वाली सड़कों की वजह से उन्हें दिक्कत होती थी। इसी को लेकर काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर प्रोजेक्ट की अवधारणा बनी। 8 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री ने इस परियोजना की आधारशिला रखी थी।
प्रधानमंत्री ने प्रोजेक्ट के सभी फेज में गहरी और सक्रिय रुचि ली। इसे लेकर रेगुलर उन्होंने रेगुलर ब्रीफिंग, समीक्षा और मॉनिटरिंग की। उन्होंने प्रोजेक्ट को बेहतर और इसे विकलांगों, तीर्थयात्रियों के लिए सुलभ बनाने के लिए भी राय दी। जिस वजह से यहां रैंप, एस्केलेटर और दूसरी आधुनिक सुविधाओं का इंतजाम किया गया है।
23 बिल्डिंग्स का होगा उद्घाटन
आपको बता दें कि प्रोजेक्ट के पहले फेज में कुल 23 बिल्डिंग्स का उद्घाटन किया जाएगा। यहां कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। जिनमें यात्री सुविधा केंद्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र शामिल है। वहीं श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को मुमुक्षु भवन, भोगशाला, सिटी म्यूजियम, व्यूइंग गैलरी, फूड कोर्ट, सहित दूसरी सुविधाएं भी मिलेंगी।
5 लाख स्कॉवयर फुट में है काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट
परियोजना में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास 300 से ज्यादा संपत्तियों की खरीद और अधिग्रहण शामिल है। इसमें करीब 1400 दुकानदारों, किराएदारों और मकान मालिकों का पुनर्वास किया गया है। सौहार्दपूर्ण ढंग से पुनर्वास का प्रमाण यह है कि देश के किसी भी कोर्ट में अधिग्रहण या पुनर्वास को लेकर कोई मुकदमा पेंडिंग नहीं है। यह प्रोजक्ट परिसर सिर्फ लगभग 3000 वर्ग फुट तक ही सीमित था वहीं अब यह लगभग 5 लाख स्कॉवयरफुट के विशाल एरिया में फैल चुका है। कोविड महामारी के बावजूद इस प्रोजेक्ट का काम निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरा कर लिया गया है।
काल भैरव मंदिर का करेंगे दर्शन
वाराणसी की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री 13 दिसंबर को दोपहर लगभग 12 बजे काल भैरव मंदिर भी दर्शन करने के लिए जाएंगे और फिर शाम को करीब 6 बजे रो-रो जहाज पर सवार होकर मां गंगा की भव्य आरती देखेंगे। प्रधानमंत्री 14 दिसंबर को दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे वाराणसी स्थित स्वर्वेद महामंदिर में सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान के 98वें वार्षिकोत्सव में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में भी लेंगे भाग
पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा के दौरान असम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के एक सम्मेलन में भी भाग लेंगे। इस सम्मेलन में बिहार और नगालैंड के उपमुख्यमंत्री भी भाग लेंगे. यह सम्मेलन गवर्नेंस से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं या तौर-तरीकों को शेयर करने का अवसर प्रदान करेगा।