राजेश कुमार।
बिहार के नवादा ज़िले के पकरी बरावां प्रखंड के थालपोश गांव से 15 फ़रवरी को नवादा पुलिस ने कथित तौर पर साइबर अपराध में लिप्त 33 लोगों को एक साथ पकड़ा और इनमें 31 लोग इसी गांव के थे. अब इस गांव में सिर्फ़ उम्रदराज़ पुरुष-महिलाएं और कम उम्र के बच्चे ही हैं. आलम यह है कि खेतों में भी कोई नौजवान काम करता नहीं दिखेगा. हर बाहरी व्यक्ति को गांव वाले शंका भरी नज़रों से देखते हैं.
शरवीला देवी का 19 साल के बेटे गुलशन कुमार को भी पुलिस गिरफ़्तार कर ले गई है. गुलशन ने सरदार पटेल हाई स्कूल, खोनंदपुर से साल 2019 में दसवीं की परीक्षा फ़र्स्ट डिवीज़न से पास की थी. उन्हें बिहार सरकार से प्रोत्साहन के तौर पर 10 हज़ार रुपये भी मिले थे.
शरवीला देवी ने बताया कि “उसी पैसे से उसने बड़ा वाला फ़ोन लिया था. बाद में इंटर की परीक्षा में वो फ़ेल हो गया तो उसने अपना पुराना फ़ोन बेच नया फ़ोन लिया. कहा कि उसे फिर से इंटर की पढ़ाई के लिए दूसरे अच्छे फ़ोन की ज़रूरत है.”
विधवा पेंशन के तौर पर हर महीने महज़ 400 रुपये पाने वाली शरवीला का घर इतना छोटा है कि वो शुरू होते ही ख़त्म हो जाता है. उनके घर में सिर्फ़ एक चीज़ बहुत संभालकर पुराने काले छोटे से ब्रीफ़केस में रखी है और वो है गुलशन के होनहार होने के सबूत देते सर्टिफ़िकेट.