मऊ। गोंठा में चल रही रामलीला मंचन के चौथे दिन सोमवार को मंडी प्रांगण में लक्ष्मण द्वारा सूर्पणखा की नाक काटने व खर और दूषण के वध का मंचन किया गया।
मंचन के दौरान सूर्पणखा कि नाक कटने के बाद रावण के दरबार में पहुंचती हैं और अपनी पीड़ा सुनाती हैं। यह सुनकर रावण आगबबूला हो जाता है और सीता का हरण करने की योजना बनाता है।
वहीं लीला की शुरुआत पंचवटी में भगवान राम, लक्ष्मण और सीता के साथ होती है। सूर्पणखा, राम से विवाह का प्रस्ताव रखती हैं, जिसे राम ठुकरा देते हैं। इसके बाद वह लक्ष्मण से भी इसी तरह का प्रस्ताव रखती हैं, लेकिन लक्ष्मण भाई की अनुमति के बिना विवाह न करने की बात कहते हैं।
सूर्पणखा राम से अस्वीकृति मिलने पर सीता को अपशब्द कहती हैं और लक्ष्मण को रिझाने का प्रयास करती हैं। लक्ष्मण ने सूर्पणखा की दुष्टता के जवाब में उसकी नाक काट दिए। कार्यक्रम के दौरान रामलीला समिति के आचार्य संजय उपाध्याय, अध्यक्ष अजय कुमार उपाध्याय, मंत्री विनय गुप्ता, चंदन गुप्ता, आयुष गुप्ता, नन्हे, पवन सहित कमेटी के पदाधिकारीगण एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।