होशंगाबाद। राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संयोजक और सुप्रसिद्ध सामाजिक चिंतक श्री के एन गोविंदाचार्य जी आज ‘नर्मदा दर्शन यात्रा’ के दौरान नरसिंहपुर से होशंगाबाद पहुंचे। 20 फरवरी को अमरकंटक से नर्मदा यात्रा और अध्ययन प्रवास की शुरुआत हुई थी। आज यात्रा का पांचवां दिन है।
नर्मदा दर्शन और लोक संवाद की आज की यात्रा में नरसिंहपुर और होशंगाबाद जिले के गाडरवारा, गोविंद नगर, सांडिया पिपरिया और सांडिया घाट शामिल रहें। जहां पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ लोक संवाद किया गया। जहां विशेष रूप से नर्मदा जी की दुर्दशा के बारे में लोगों के सवाल आए। नरसिंहपुर में नाले के पानी से दूषित हो रही नर्मदा जी को लेकर श्री गोविंदाचार्य जी ने चिंता व्यक्त की। गोविंद जी ने यात्रा के बाद एक रिपोर्ट तैयिर कर सरकार को सौंपने की बात कही। जिसमें नर्मदा जी के पर्यावरणीय प्रवाह को दुरुस्त करने के लिए सरकार को कुछ सुझाव दिए जाएंगे।
वहीं, लोक संवाद के दौरान श्री गोविंदाचार्य जी ने संघ महापरिवार की कल्पना भी लोगों के सामने रखी। इस विषय को लेकर श्री गोविंदाचार्य जी ने कहा, तीन तरह के लोग समाज के कई कामों में जिंदगी लगा रहे हैं। पहला, ऐसे लोग जिनका राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से नाता नहीं है जैसे-गांधी और विवेकानंद। दूसरा, हम जैसे लोग जो स्वयं सेवक हैं।
तीसरा, समाज में उभरते पनपते वे लोग जो समाज के कई कामों में जिंदगियां खपा रहे हैं। वे स्वयंसेवक नहीं हैं पर संघ का ही काम कर रहे हैं।
एक प्रसंग के दौरान गोविंद जी ने जय प्रकाश से अपने संवाद का एक वाकवा सुनाया। उनका कहना था- जे पी का सवाल था कि तुम सांप्रदायिक हो यानी संघ सांप्रदायिक है। इस पर मैंने पूछा कैसे? इस पर जे पी ने कहा था कि संघ में 1200 प्रचारक हैं और उसमें एक भी मुसलमान नहीं हैं। इस पर श्री गोविंदाचार्य जी ने जे पी से पूछा था कि सर्व सेवा संघ में 650 कार्यकर्ता हैं। उसमें कितने मुसलमान हैं। जे पी ने कहा, एक भी नहीं हैं। तब जे पी का किसी संगठन में मुसलमान होने या न होने को लेकर सांप्रदायिकता की धारणा बदली थी। श्री गोविंदाचार्य जी का कहना है कि किसी संगठन में मुसलमान होना पर्याप्त नहीं वह उनके लिए कितना है यह महत्वपूर्ण है। किसी के लिए काम करने के लिए उस कौम का होना जरूरी नहीं। जे पी ने भी तब संवाद के दौरान कहा था कि संघ के स्वंयसेवकों की देशभक्ति प्रधानमंत्री से कम नहीं है।