मथुरा/ मदन सारस्वत। कहावत है कि संसार मे कोई भी बिना मतलब के किसी की मदद नही करता मगर ऐसा नही है कहीं कहीं लोगो की बाते भी गलत हो सकती है क्यो की परोपकार और धर्मार्थ करने के लिए किसी की आज्ञा की जरूरत नही होती है ऐसी है धर्म नगरी मथुरा जहाँ मुस्लिम और हिन्दू भाई की तरह ही रहते है जिस तरीके से मथुरा कृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह जो कि एक ही दीवाल पर है ऐसे ही एक किन्नर जाति से गुरु जी हैं जिनका नाम सपना उर्फ इदरीश किन्नर है जो कि निश्वार्थ मदद करते है वो भी ऐसी मदद जिससे लोग भी कभी कभी दूर भागते है हम बात कर रहे है मथुरा की जहां धर्म और रिश्ते को छोड़कर अपना कर्तव्य पूरा करने में इदरीस कभी पीछे नही हटते है और आगे आकर स्वम् पैसे के साथ साथ शरीर से भी करते हैं और कार्य करने के वाद भी अपना कही भी नाम नही लेते है अब हम आपको बताते है कि सपना उर्फ इदरीस किन्नर लगभग 20 वर्ष से अज्ञात और लावारिस शव को लेकर अपने पैसे से उनका संस्कार करते है और लगातार करते चले आ रहे है जबकि इसमे कोरोना काल भी निकला है मगर सपना उर्फ इदरीस किन्नर कभी भी अपने इस फर्ज से पीछे नही हटे और कहना भी है कि ऐसे लोगो को कोई भी नही लेना चाहता है मगर कही से भी कोई सूचना मिलती है तो ये उस शव को मांगकर उसका अंतिम संस्कार करते है और इसके लिए किसी से भी कोई चंदा नही लेते है अपने बधाई गाकर जो कमाई होती है उसी से ये कार्य करते है जबकि शवो की स्तिति खराब होने के बाद भी सपना ने अपने कार्य से कभी मुख नही मोड़ा और इस कार्य के लिए अपनी लगन को इस रूप में देखते है कि इस्वर ने हमारे साथ ऐसा किया है तो इस जन्म में ऐसे पूण्य करले कि अगला जन्म तो ठीक हो सके और हमारे प्रति लोगो की सोच है उसमें भी कोई बदलाव ला सके क्यो कि हम भी इंसान है सूचना कैसे मिलती है उस पर इदरीश का कहना है कि सभी जगह जैसे रेलवे बस स्टेशन पुलिस स्टेशन सभी जगह मेरा नम्बर है उसी से जानकारी आती है और इस कर्म को करके दिल को एक सुकून मिलता है
सबसे पहले 200 रुपये में हो जाता है अब उसी में लगभग 4000 लगते है वही लगभग तीन साल से सपना उर्फ इदरीश के साथ रह रही सोनम चौहान ने अपने गुरु के बारे में बोलते हुए बताया कि लगभग 20 वर्ष पहले एक शव चार दिन तक लावारिस पड़ा रहा किसी ने नही देखा तो हमारे गुरु जी ने उसका दाह संस्कार मुस्लिम रिवाज से किया तभी से ये करने का मन मे ठान लिया और अब तक कर रहे है वही अपनी बात को कहते हुए सरकार के बारे में भी बताया कि हमको सरकार ने जरूर समझा और अधिकार भी दिए है इसलिए हम सभी से अनुरोध करते है कि हमको भी अच्छी नजर से देखा जाए क्योंकि हम भी आप सभी की तरह इंसान है
जिस तरह से इदरीश किन्नर कि जो ये हिम्मत और सोच है उसकी तारीफ हर समाज का इंसान करता है क्यो की ये अपनी संतान ना होते हुए दुसरो की खुशियों की कामना करते है और हमेशा पूरा देश खुश रहे ऐसी दुआ भी ऊपर बाले से मांगते है ।