- रमण रेती स्थिति श्रीउदासीन कार्षि्ण आश्रम में खेली गई होली खूब उड़े फूल और अबीर गुलाल भक्तो ने भी खेली कान्हा संग होली
मथुरा/ मदन सारस्वत। ब्रज में होली का उल्लास धीरे धीरे अपने चरम पर पहुंच रहा है। ब्रज में होली का हर रंग देखने को मिल रहा है। आज गोकुल धाम स्थित रमणरेती आश्रम में लड्डू होली, लठामार होली, फिर फूलों की होली और फलों की होली खेली गई। आध्यात्मिक होली में सराबोर हुए श्रद्धालु आश्रम में ब्रज की होली का हर रंग देखने को मिला। इस अवसर पर रमण रेती आश्रम में हुए संत समागम में दो हजार से भी अधिक साधु संत एकत्रित हुए । तीन दिन चले कार्यक्रम के दौरान गोकुल स्थित रमण रेती आश्रम में ठाकुर रमण बिहारी का आंगन आज होली के रंगों में सराबोर हो गया, साधु संतों और श्रद्धालुओं ने पहले लड्डू होली, लठामार होली, फिर फूलों की होली और फलों की होली खेली गई, होली के रस में भीग कर श्रद्धालु निहाल हो गए। गोकुल के नजदीक गुरु शरणानंद महाराज का ‘श्रीउदासीन कार्षि्ण आश्रम’ स्थित है। जिसे रमणरेती आश्रम के नाम से भी जाना जाता है, इस आश्रम में हर साल होली का आयोजन किया जाता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु होली के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। रमणरेती आश्रम में जहां एक तरफ अबीर-गुलाल और टेसू से बने रंगों की वर्षा हो रही थी, तो दूसरी तरफ आज बिरज में होरी रे रसिया, चलौ आइयो रे श्याम पनघट पर चलौ आईयो रे, तू बरसाने में आए जईयो बुलाए रही राधा प्यारी, फाग खेलन बरसाने आए हैं नटवर नंद किशोर और उड़त गुलाल लाल भए बदरा जैसे होली के गीत और रसिया से आश्रम गूंज उठा, वही रसिया पर श्रद्धालु अपने आप को रोक नहीं पाए और नाचते हुए दिखाई दिए। ठाकुर जी के आंगन में रासलीला का भी आयोजन हुआ। इसमें राधाकृष्ण के स्वरूपों ने लठामार होली, लड्डू एवं फूलों की होली खेली, समारोह के प्रारंभ में छोटे ठाकुर की रास मंडली के कलाकारों ने होली रास की मंच पर आकर्षक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। वहीं उड़ते अबीर गुलाल तथा फलों और फूलों की होली में सराबोर हुए भक्त नाचने को मजबूर हो गए। रमणबिहारी के आंगन में हुई होली में टेसू के रंगों का प्रयोग किया गया। रमणरेती आश्रण में दिनभर हर तरफ होली की धूम रही। ठाकुरजी के जयकारे गूंजते रहे। हर कोई भगवान श्रीकृष्ण के भक्ति रंग में सराबोर दिखाई दिया, होली के पलों को युवक, युवतियां और महिलाएं मोबाइल में कैद करती हुई दिखाईं दीं। होली खेलने आए श्रद्धालु भी इस होली के रंग में आनंद विभोर हो गए और कहा कि ऐसा आनंद कहीं नहीं है जो ब्रज में आज मिला है और यह होली भी एक परिवार की तरह है यहां आकर बड़ा आनंद आया है।