- बजरंगदल हिंदुस्तान द्वारा सरकारी नियंत्रण से मंदिरों को छुड़ाने की मुहिम, अच्छी पहल : मीना चौबे
- “हिन्दू मंदिर एक्ट” जागरूकता मुहिम को लेकर 13 अप्रैल से पंजाब में भगवा रथ यात्रा शुरू : साहिल गुप्ता
वाराणसी/ आनंद पांडेय। हिन्दू मंदिर एक्ट की मांग को लेकर बजरंगदल हिंदुस्तान सहित कई हिन्दू संगठन संघर्ष करते आए हैं। आज पंजाब से बनारस भर्मण पर आए बजरंगदल हिंदुस्तान के राष्ट्रीय सीनियर उपप्रधान साहिल गुप्ता ने हिन्दू मंदिर एक्ट की मांग को लेकर भाजपा की उत्तर प्रदेश मंत्री मीना चैबे से विशेष मुलाकात कर उन्हें मांगपत्र सौंपा। इस मौके पत्रकारों से वार्तालाप में साहिल गुप्ता ने बताया कि हिंदू मंदिरों के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है, जो की चिंता का विषय है। साहिल गुप्ता ने कहा कि बजरंग दल हिन्दूस्तान “हिन्दू मंदिर एक्ट” की मांग पहले भी करता आया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि दरसल एक षड्यंत्र के तहत 1951 में सरकार ने “हिंदू धर्म दान एक्ट” पास किया था। इस एक्ट के जरिए केंद्र सरकार ने राज्यों को अधिकार दे दिया कि वो किसी भी मंदिर को सरकार के अधीन कर सकते हैं। इस एक्ट के बनने के बाद से आंध्र प्रदेश सरकार नें लगभग 34,000 मंदिरों को अपने अधीन ले लिया था। इसके इलावा कई शक्तिपीठ इस कारण सरकारों के आधीन हो गए। जिससे हिंदुओं के तीर्थ स्थलों के पैसे हिंदुओं के हित मे ना लग कर देश की अन्य आर्थिक व्यस्थाओं पर खर्च हो रहे हैं। साहिल गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि एक आर टी आई में खुलासा हुआ था की सरकार द्वारा नियंत्रित हिन्दू मंदिरों के पैसे से ईसाई मिशनरियां फलीभूत हो रही हैं। उन्होंने शंका प्रकट करते हुए कहा कि मुसलमानों को दी जाने वाली हज सब्सिडी भी हिन्दू मंदिरों के पैसे से ही दी जा रही है। जिस वजह से अपने ही देश मे हिंदुओं का लगातार पतन हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसका एक ही समाधान है “हिंदू मंदिर एक्ट”। बजरंग दल हिंदुस्तान हिंदू हित के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों से हिंदू मंदिर एक्ट की मांग करेगा और हिंदू मंदिर एक्ट के लिए जागरूकता मुहिम चलाएगा। साहिल गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि हिंदू मंदिर एक्ट का ढांचा कई साधु संतों महंतों की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया है। उन्होंने बताया के हिंदू मंदिर एक्ट का पूरा नाम देवालय देवस्थान प्रबंधक एक्ट है। देश में हिंदुओं के 30 लाख धार्मिक स्थानों में आमतौर पर 4 तरह की मैनेजमेंट होती है जैसे कि सरकारी प्रबंध, कमेटी या ट्रस्ट, महंत/ मठाधीश, व्यक्तिगत मंदिर। इस एक्ट के जरिए हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करा कर देश के सभी 30 लाख हिंदू मंदिरों को संगठित किया जाएगा। सरकारी प्रबंध को छोड़कर बाकी प्रत्येक धर्म स्थान से एक प्रतिनिधि मंडल देवालय देवस्थान प्रबंधक समिति का सदस्य होगा। सभी सदस्य मिलकर चुनाव के द्वारा राष्ट्रीय प्रदेशिक जिला और तहसील स्तर पर एग्जीक्यूटिव बॉडी को चुनेंगे। चुनी गई समितियां सवैधानिक अधिकारों से युक्त होकर सरकार से मुक्त कराए गए मंदिरों का प्रबंध करेंगी । हिंदुओं के आंतरिक और धार्मिक मामलों को सुलझाएगी। धार्मिकता के लिए अलग-अलग अखाड़ों में से एक-एक प्रतिनिधि संत मिलकर मार्गदर्शक मंडल बनेगा, जो धार्मिक मामलों में आपसी विचार विमर्श कर के दिशा निर्देश सर्वसम्मति या बहुमत से जारी करेगा और प्रबंधक समिति मार्गदर्शक मंडल के दिशा निर्देशों को पूरे हिंदू समाज तक पहुंचा कर लागू करेगा। देवालय देवस्थान प्रबंधक एक्ट में सरकार की दखलअंदाजी नही होगी व हिंदू धर्म स्थानों में पूरी धार्मिकता संस्कृति धर्म प्रसार और गौ सेवा आदि के साथ-साथ हिंदुओं के कमजोर वर्ग के लिए शिक्षा, सेहत आदि जैसी सुविधाएं चलेंगी। जिससे हिंदुओं के धर्मांतरण पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। इसके इलावा हिन्दू मंदिर एक्ट के अंतर्गत हिन्दू धर्म ग्रंथों, शिक्षाओं व सनातन की विषताओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए विशेष विद्यालय चलेंगे, जिनका अनुछेद 30, 30A व 30 (1) से कोई संबंध नही होगा।
इसके इलावा साहिल गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि हिन्दू मंदिर एक्ट पुरजोर मांग को देखते हुए पंजाब सरकार ने इस पर विचार विमर्श शुरू कर दिया है। जिसके नतीजे सकारात्मक सिद्ध होंगे। उन्होंने बताया कि हिन्दू मंदिर एक्ट जागरूकता मुहिम के लिए पंजाब में 13 अप्रैल से भव्य भगवा रथ यात्रा प्रदेश भर में निकली जाएगी, जिसके बाद देश के अन्य राज्यों में भी जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस मौके भाजपा प्रदेशमंत्री उत्तरप्रदेश श्रीमती मीना चौबे ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से छुड़ाने के लिए बजरंगदल हिंदुस्तान द्वारा चलाई मुहिम को अच्छी पहल बताया व आश्वासन दिया कि जनता की “हिन्दू मंदिर एक्ट” की मांग को केंद्र सरकार के सामने रखेंगे।