ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज विश्व पृथ्वी दिवस 2022 के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि पृथ्वी केवल मनुष्य का नहीं बल्कि समस्त प्राणियों का घर है। पृथ्वी की सुरक्षा अर्थात सम्पूर्ण अस्तित्व की सुरक्षा क्योंकि पृथ्वी हमारे अस्तित्व का आधार है, सम्पूर्ण मानवता के जीवन का केंद्र है इसलिये हम जो भी कार्य करें उसमें वैश्विक हित, वैश्विक सुरक्षा और सम्पूर्ण मानवता का कल्याण निहित हो और यह तभी सम्भव है जब हम शोषण नहीं बल्कि पोषण की संस्कृति के साथ आगे बढ़ें।
विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष रूप से परमार्थ निकेतन पधारे भारत में इजराइल के राजदूत, नाओर गिलोन ने सपरिवार स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी से भेंट का भारत और इजराइल के मधुर, सहयोगपूर्ण संबंध व समन्वय पर चर्चा करते हुये कहा कि दोनों देश जरूरत के समय एक-दूसरे के निकट आए हैं। सौहार्दपूर्ण सम्बंधों के लिये स्वामी जी ने राजदूत नाओर गिलोन को धन्यवाद दिया। भारत और इजराइल कृषि, सिंचाई और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में विभिन्न संभावनाएँ तलाश रहे हैं।
स्वामी जी ने इजराइल द्वारा पर्यावरण व जल संरक्षण और ड्रिप सिंचाई हेतु किये जा रहे कार्यो के लिये इजराइल दूतावास का धन्यवाद करते हुये बताया कि परमार्थ निकेतन, इजराइल दूतावास के साथ मिलकर ड्रिप सिंचाई प्रणाली की शुरूआत करने जा रहा है, एक प्लांट लगाकर इसकी शुरूआत की। इजराइल के राजदूत, नाओर गिलोन ने स्वामी जी और साध्वी जी को इजराइल आने के लिये आमंत्रित किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में चारों ओर वनों को काटा जा रहा हैं, ग्लोबल वार्मिंग में तीव्रता से वृद्धि हो रही है, जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता बढ़ती जा रही है जिससे गंभीर समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं इसलिये हमें अधिक से अधिक पौधे का रोपण और संवर्द्धन करना होगा, जीवाश्म ऊर्जा के स्थान पर जल, पवन और सूर्य ऊर्जा जैसे ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ाना होगा साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करना ही हम सभी के लिये श्रेयष्कर होगा।
स्वामी जी ने कहा कि पृथ्वी के रूप में हमारे पास केवल एक ही घर हैं। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिग का खतरा किसी एक राष्ट्र की सीमाओं तक सीमित नहीं है, वह सम्पूर्ण मानवता को प्रभावित कर रहा हैं इसलिये हमें अपनी पृथ्वी और प्रकृति दोनों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा।
स्वामी जी ने कहा कि पृथ्वी केवल उपभोग और उपयोग की वस्तु नहीं है बल्कि वह मानव के साथ असंख्य वनस्पतियों-जीव-जंतुओं को आश्रय देने वाली माता है ‘‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’’ इसीलिये पृथ्वी की सुरक्षा की दिशा में सबसे पहला कदम यह होना चाहिये कि हम अपने कार्यों के प्रति सचेत और जागरूक हों।
पृथ्वी दिवस के अवसर पर हम सभी को पृथ्वी के प्रहरी और पहरेदार बनकर उसके हरित संवर्द्धन का संकल्प लेना होगा क्योंकि जब पृथ्वी हरित, प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ होगी तभी हम उसकी और अपनी लंबी उम्र की कामना कर सकते हैं। हम सभी को अपनी पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से समझने की जरूरत है ताकि हमारी पृथ्वी को हरित, जीवंत और समृद्ध बनाये रखने में प्रभावी योगदान प्रदान करना होगा।
विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन में कला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार, ऋषिकेश के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थी, विभिन्न समुदायों में रहने वाले बच्चों ने सहभाग किया। सर्वश्रेष्ठ पांच कलाकृतियों को पुरस्कृत किया गया।
स्वामी जी और साध्वी जी के पावन सान्निध्य में इजराइल के राजदूत, नाओर गिलोन ने सपरिवार विश्व ग्लोब का जलाभिषेक कर जल संरक्षण का संकल्प किया। उन्हें रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट किया जिसे इजराइल दूतावास में रोपित किया जायेगा।