शिक्षा व साहस हर महिला के उत्थान का मुख्य आधार- शान्ति सिंह

  • महिला गंगा आरती पूर्णानंद घाट में महिलाओं को किया सम्मानित।
  • भारतीय महिला स्वतंत्रता सेनानी सरोजनी नायडू जी का जन्मदिवस है राष्ट्रीय महिला दिवस।
  • राष्ट्रीय महिला दिवस से नारी शक्ति को मिलेगा बल।
  • महिला गंगा आरती पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने राष्ट्रीय महिला दिवस का दिया संदेश
  • हर महिला की सफलता के पीछे एक पुरुष का साथ-सोनिया राज

ऋषिकेश। गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट में महिलाओं द्वारा की जा रही गंगा आरती में महिलाओं द्वारा राष्ट्रीय महिला दिवस पर गंगा के पावन तट पूर्णानंद घाट पर महिलाओं के समान अवसर, नेतृत्व,सुखद समन्वय एवं उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना की गई। महिलाओं का उत्साहवर्धन करने व उनमें छुपी प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए गंगा आरती की गई।

श्रीमती शांति सिंह ने महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि आज किसी भी क्षेत्र में महिलायें पुरुषों से कम नहीं हैं। उन्होंने महिलायें को अपनी क्षमताओं को समझने, अपने सपनों को बुनने और जीवन में आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। शान्ति सिहं कहा कि जब हम औरतें आज़ादी की बात करते हैं तो उससे हमारा मतलब सिर्फ स्वयं के लिए सोचने के लिए आजादी से होता है। हमें फैसले करने की आज़ादी, विचारों की आज़ादी, अच्छा बुरा तय करने की आज़ादी, इंकार करने की आज़ादी चाहिए। इसके लिए हम किसी भी स्थिति परिस्थिति में हों हमें शिक्षित होना पड़ेगा। शिक्षा से साहस व सही निर्णय लेना हर महिला के उत्थान का मजबूत आधार है।

सोनिया राज ने बताया कि हर महिला कि सफलता के पीछे एक पुरुष का साथ होता है। ऐसे ही मेरी सफलता के पीछे मेरे पति उदय रियाल का साथ है। उन्होने मेरा हर कदम पर साथ निभाया व मेरे हौसले को कभी कमजोर नहीं पड़ने दिया।

डॉ. ज्योति शर्मा ने कहा कि महिलाओं की समाज में बहुत अहम भूमिका है। लिंग समानता की बढ़ रही मुश्किलों के बावजूद विज्ञान,टेक्नालोजी व शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान है।उन्होंने कहा कि भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस स्वतंत्रता सेनानी और भारत कोकिला कही जाने वाली सरोजिनी नायडू के जन्मदिन 13 फरवरी को मनाया जाता है।सरोजनी नायडू बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि की संपन्न रहने वाली कवियित्री थीं. उन्हें महात्मा गांधी ने भारत कोकिला का खिताब दिया था. आजादी की लड़ाई में उन्होंने पुरुष स्वतंत्रता सेनानियों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर गांधी जी के आंदोलनों में भाग लिया और हर जगह अपने नेतृत्व का प्रभाव छोड़ा था. वे हमेशा ही महिलाओं को आगे आने के लिए प्रेरित करती रहती थीं. वे आज के भारत की हर नारी के लिए आदर्श उदाहरण के रूप में याद की जाती हैं।

सुशीला सेमवाल जी ने कहा कि कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने की जरूरत है।

महिला गंगा आरती में मुख्य रूप से गंग सबला मंजू देवी, उषा देवी, सुनीता जी, अनीता जी, सरिता जी आज महिलाओं को सम्मानित किया गया।

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