नई दिल्ली: कोरोना काल के बाद अहिंसा योग एवं मेडिटेशन सेंटर के 25 फ़रवरी को पुन: संचालित होने के पश्चात, रविवार को प्रवचन के दौरान आचार्य लोकेशजी ने ध्यान व योग को जीवन का अहम हिस्सा बताया । योगाचार्य देव चन्द्र के 1 घंटे के योग सेशन से जहां प्रशिक्षार्थी तरो-ताज़ा महसूस कर रहे थे तो वहीं आचार्य लोकेश जी के ज्ञानवर्धक प्रवचन से काफी खुश नज़र आये ।
प्रवचन के दौरान आचार्य लोकेशजी ने बताया कि ध्यान और योग के नियमित अभ्यास से स्वस्थ व समृद्ध जीवन पा सकते है। योग से शरीर, मन और बुद्धि सभी स्वस्थ रहते है | योग करते रहने से किसी भी प्रकार का रोग, शोक, संताप, तनाव, अनिद्रा और बीमारी पास नहीं फटकती है | वर्तमान में विश्व ने योग की भारतीय परंपरा को अपनाया है, अहिंसा योग एवं मेडिटेशन सेंटर में योग एवं मेडिटेशन शिविर के माध्यम से हम योग को जन जन तक ले जाना चाहते है | योग एक प्राचीन भारतीय जीवन-पद्धति है। जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है। योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है| तीनों के स्वस्थ रहने से आप स्वयं को स्वस्थ महसूस करते हैं| योग के जरिए न सिर्फ बीमारियों का निदान किया जाता है, बल्कि इसे अपनाकर कई शारीरिक और मानसिक तकलीफों को भी दूर किया जा सकता है| योग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर जीवन में नव ऊर्जा का संचार करता है | योग नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है |
इस अवसर पर योगाचार्य देव चन्द्र ने कहा कि समाज के विकास से पहले व्यक्तिगत विकास आवश्यक है | योग संतुलित व्यक्तिगत विकास की पहली सीढी है | इस प्रकार के योग एवं मेडिटेशन सेंटर की दिल्ली मे बहुत आवश्यकता थी | आशा है यहा से प्रशिक्षित योग प्रशिक्षक दिल्ली मे अनेक योग एवं मेडिटेशन सेंटर खोलेंगे |
प्रवचन के दौरान तारकेशवरी मिश्रा, कर्ण कपूर व विनीत कुमार सहित सीमित संख्या में प्रशिक्षार्थी मौजूद रहे |