गाजीपुर। देवों के देव महादेव भगवान शिव शंभू भोलेनाथ शंकर की आराधना का महापर्व महाशिवरात्रि पर सुबह से ही देवालयों में भारी भीड़ उमड़ी। शिव के जयकारे से पुरे क्षेत्र का वातावरण शिवमय हो गया। श्रद्धादुओं ने इस मौके पर भगवान भूत-भावन को जलाभिषेक कर भांग, बेलपत्र, धतूरा, बेर आदि का भोग लगाकर परिजनों के कल्याण की कामना की। ज्ञात हो कि यह पर्व पूरे देश में पूर्ण श्रद्धा के साथ मनाया जाता है भगवान शंकर आदि-अनादि है और सृष्टि के विनाश व पुनः स्थापना के बीच की कड़ी है भगवान शंकर को सुखों का आधार माना कर महाशिवरात्रि पर अनेक प्रकार के अनुष्ठान करने का महत्व है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार सृष्टि से पहले सत्य और असत्य नहीं थे केवल भगवान शिव थे जो सर्वस्व देने वाले हैं। विश्व की रक्षार्थ स्वयं विष पान करते हैं अत्यंत कठिन यात्रा कर गंगा को सिर पर धारण करके मोक्षदायिनी गंगा को धारा पर अवतरित करते हैं। श्रद्धा आस्था और प्रेम के बदले सब कुछ प्रदान करते हैं। शिव की शक्ति रात्रि ही है जो विश्व के समस्त प्राणियों को जीने की राह सिखाता है। बताता है सत्य ही शिव है शिव ही सुंदर है इसके सिवाय कुछ भी नहीं है। अर्थात शिवा और शिवात्व की दिव्यता जान लेना का महापर्व है। महाशिवरात्रि महाशिवरात्रि शिव और पार्वती के वैवाहिक जीवन में प्रवेश का दिन होने का कारण प्रेम का दिन है। यह प्रेम त्याग और आनंद का पर्व है शिव स्वयं आनंदमय हैं। कहते हैं मानव जब सभी प्रकार के बंधनों और सम्मोहनों से मुक्त हो जाता है। स्वयं शिव के समान हो जाता है समस्त भौतिक बंधनों से मुक्त हो होने पर ही मनुष्य को शिवात्व प्राप्त होता है। इस मौके पर भदौरा गांव स्थित अति प्राचीन बाबा भद्रेश्वर नाथ मंदिर पर एक दिवसीय मेले का आयोजन किया गया। जिसमें आसपास के कई गांवों के श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन के बाद मेले का आनन्द उठाया। सुरक्षा के लिहाज से मेले में महिला एवं पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।