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सिद्धपीठ हथियाराम मठ आने से देशकार्य, देवकार्य व धर्मकार्य तीनों पूर्ण हो गया – मोहन भागवत

गाजीपुर। अति प्राचीन सिद्धपीठ हथियाराम मठ के 26वें पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी श्री भवानी नंदन यति जी महाराज के रजत जयंती समारोह राष्ट्रीय उन्नयन अधिष्ठान विषयक संगोष्ठी व धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम में आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर महंत श्रीबालकृष्ण यति जी के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आज का दिन शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत दिवस होने के कारण अति महत्वपूर्ण है। सिद्धपीठ की धरती पर आना अपने लिए सौभाग्य बताते हुए सरसंघचालक ने कहा कि भारत बड़ा होता है सारी को अच्छे रास्ते पर बढ़ाने के लिए, अपने स्वार्थ के लिए नहीं। उन्होंने सिद्धपीठ की माटी को चंदन के समान बताते हुए कहा कि यहां आने से देश कार्य, देव कार्य और धर्म कार्य, तीनों हो गया। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष यहां आने के बने कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि कोरोना के चलते तब न आ सका, परन्तु आज आया भी हूँ तो शहीदी दिवस के पावन अवसर पर। यह दुनिया के लिए भले ही अलग बात हो सकता है लेकिन भारत को मानवता से जोड़ता है। उन्होंने कहा कि संतों का स्वभाव ही सरल होता है। आज राम की चर्चा मैं अकेला नहीं करने वाला हूं, राम की चर्चा तो पूरा भारत ही करता चला आ रहा है। उनका भी श्रेय संतों के आशीर्वाद का ही है। प्रभु श्रीराम की इच्छा से ही सब कुछ होता है। इसे सनातन धर्म का उत्थान होता है। यहां धर्म का स्थान है, 25 पीढ़ियों के धर्म की तपस्या यहां पर चल रही है। सनातन धर्म को मानना भी भगवान की इच्छा ही होती है। इस सिद्ध पीठ में मृणमयि रूप में स्थापित मां जगदंबा के मिट्टी की मूर्ति विराजमान है। जो इस देश में सनातन जीवन चला वह भारत में देखने को मिलता है। इस दौरान पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री भवानी नंदन यति महाराज ने कहा कि 26 वर्षों से मां जगदम्बा के चरणों में नमन करता चला आ रहा हूं, यहां का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। उन्होंने अपने भारत के प्रमुख तीर्थ का जिक्र करते हुए बताया कि उज्जैन महाकाल की धरती पर 2018 में मुलाकात हुई। मेरे काशी के होने पर इन्होने काशी आने पर मुझसे मिलने की बात को आज के दिन राष्ट्रीय व्यवस्थाओं को देने वालों सरसंघचालक जैसे संत का पदार्पण करना इस पीठ के गौरव की बात है। इससे पूर्व उन्होंने पीठाधिपति महामंडलेश्वर स्वामी श्री भवानी नन्दन यति जी महाराज के सानिध्य में विधिवत दर्शन पूजन किया। पंचपूजा के क्रम में उन्होंने शिव पूजा, शक्ति पूजा, गौ पूजा, कूप पूजा (गंगा पूजन) और पंच पल्लव पूजन किया। पूजन अर्चन के बाद सम्मान समारोह में जहां सरसंघचालक को सम्मानित किया गया वहीं जनपद के गौरव के रूप में विख्यात परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद और महावीर चक्र विजेता राम उग्रह पाण्डेय के साथ ही मुहम्मदाबाद के शहीद राय परिवार के लोगों को शहीदी दिवस के अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन के सानिध्य में सरसंघचालक ने स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। अगले क्रम में उन्होंने महामंडलेश्वर भवानीनंदन यति महाराज से विचार विनिमय करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान अनिल ओक जी (अ.भा. सह व्यवस्था प्रमुख), अनिल जी (क्षेत्र प्रचारक पूर्वी उ.प्र. क्षेत्र), रमेश जी (प्रान्तप्रचारक काशी प्रान्त), मुनीश जी (सह प्रान्तप्रचारक काशी प्रान्त), मुरली पाल जी (प्रान्त कार्यवाह काशी), बाँकेलाल जी (क्षेत्र गो सेवा प्रमुख पू.उ. क्षेत्र), सच्चिदानंद राय, अमित तुरणकर, डॉ सन्तोष कुमार मिश्र, संतोष यादव, आनंद मिश्रा, विनोद सिंह, डॉ सानंद सिंह, डॉ नागेंद्र सिंह, डॉ. रत्नाकर त्रिपाठी, डॉ. अमिता दूबे, जिला संघचालक फैलू सिंह यादव, जोगिंदर सिंह पप्पू, पारसनाथ राय, गणेश, ओम प्रकाश सहित काफी संख्या में संघ परिवार से जुड़े लोग व जनपदवासी और जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह, क्षेत्राधिकारी गौरव सिंह, एसडीएम वीर बहादुर यादव सहित काफी संख्या में सुरक्षाकर्मी भी मौजूद रहे। परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के पुत्र, राम उग्रह पांडेय की पुत्री सुनीता पांडेय, पारसनाथ सिंह के पुत्र सचिंद्र सिंह, रितेश्वर राय के प्रतिनिधि रामनारायण राय को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।

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