- परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को मुख्य अतिथि के रूप में दिव्य दरबार बागेश्वर धाम सरकार हेतु विशेष आमंत्रण
- गंगा उत्सव – परमार्थ निकेतन गंगा तट पर मनाया गंगा उत्सव
- गंगा जी का पूजन, अभिषेक और गंगा आरती कर दिया नदियों के संरक्षण का संदेश
- महाराणा प्रताप स्पोट्र्स काॅलेेज, देहरादून में पंडित श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी का दिव्य दरबार
- श्री पशुपतिनाथ मन्दिर भारत चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित
- सनातन संस्कृति, शाश्वत संस्कृति जिसमें आध्यात्मिकता और वैज्ञानिकता का अद्भुत समन्वय -स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को आज दिव्य दरबार बागेश्वर धाम सरकार में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। स्वामी जी ने दिव्य दरबार में सहभाग कर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान किया।
महाराणा प्रताप स्पोट्र्स काॅलेज, देहरादून में आयोजित पंडित श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी का दिव्य दरबार श्री पशुपतिनाथ मन्दिर भारत चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया गया है जिसमें अनेकों श्रद्धालुओं ने सहभाग किया।
आज गंगा उत्सव के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि नदियाँ हैं तो दुनिया है। नदियों के बिना सभ्यताओं का विकास और विस्तार सम्भव नहीं है और माँ गंगा तो सभी के जीवन का आधार है, हमारी सांस्कृतिक विरासत है जो हम सभी को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गंगा जी न केवल जल का स्रोत है बल्कि यह हमारे जीवन, जीविका, आस्था और विश्वास का भी केन्द्र है। माँ गंगा भारतीय विरासत और धरोहर का अभिन्न अंग। गंगा जी हमारे जीवन को प्रतिदिन और प्रतिक्षण उत्सव बनाती है इसलिये अब गंगा जी को प्रदूषण मुक्त कर वास्तविक उत्सव का आनन्द लें।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि उत्तराखंड़ देवभूमि है, दिव्यभूमि है, ऋषियों व पूज्य संतों की भूमि है। यहां के कण-कण और रज-रज में सतानत संस्कृति के मूल और मूल्य समाहित है।
भारतीय संस्कृति अत्यंत उदात्त, समन्वयवादी, सशक्त एवं जीवंत रही हैं, जिसमें पूरी दुनिया को जीवन के प्रति आध्यात्मिक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रदान किया है। इस दिव्य शाश्वत संस्कृति में आध्यात्मिकता और वैज्ञानिकता का अद्भुत समन्वय है।
स्वामी जी ने कहा कि सनातन संस्कृति की सदैव से ही ‘उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुंबकम्’ के दिव्य सूत्र में गहरी आस्था रही है। विश्व एक परिवार है कि संकल्पना को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी पूरे विश्व में प्रसारित कर रहे हैं। जी-20 से जी – आल की यात्रा उसी का उत्कृष्ट उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि श्री धीरेन्द्र शास्त्री जी दिव्य दरबार के माध्यम से सनातन मूल्यों से युवा पीढ़ी को जोड़ रहे हैं वास्तव में साधुवाद के पात्र है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आशीर्वाद स्वरूप रूद्राक्ष का दिव्य पौधा श्री धीरेन्द्र शास्त्री जी को भेंट किया।
श्री निवृती यादव जी, श्री दीपक बाली जी, श्री अमित त्यागी जी, श्री मनीष चावला जी, सुमित अदलखा जी के विशेष सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में सनातन कलश यात्रा, राष्ट्र भृत महायज्ञ और महा दिव्य दरबार का आयोजन किया गया।