होलीगेट की पहचान मिटाने की हो रही कोशिश, प्रशासन मौन

मथुरा/ मदन सारस्वत।

मथुरा का सबसे पुराना बाजार और रौनक होलीगेट से होती है जिस पर प्रशासन द्वारा लाइटिंग भी कराई गई थी और वही होलीगेट के ही समीप सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज के लिए पैसा खर्च किया गया था जबकि बताया जा रहा है कि होलीगेट पुरातत्व विभाग में आता है पुरातत्व विभाग से नियमानुसार कोई भी निर्माण बिना स्वीकृति के नही होता है तो फिर होली गेट के समीप बृजवासी को किसने परमिशन दी है क्या विभाग को जानकारी नहीं है और विकास प्राधिकरण का परमिशन है तो कैसे दे दी। मगर सबसे बड़ा सवाल है इस महान धरोहर की खूबसूरती को ढक दिया गया और किसी का ध्यान नहीं गया जब मीडिया ने इस खबर को दिखाया तो विकास प्राधिकरण जागा और इस मामले को संज्ञान में लिया गया वाही मथुरा के समाजसेवी ताराचंद गोशवामी का कहना है कि ये जो निर्माण उद्योग पति ने कराया है गलत है क्यों की ये व्यस्तम जगह है तो पार्किंग कहा होगी और पूरा होली गेट की खूबसूरती को भी ढक दिया गया है इसको रोकने के लिए विकास प्राधिकरण को ज्ञापन दिया गया है सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि विकास प्राधिकरण ने इसको रुकवा दिया गया है। अब देखना होगा कि ये निर्माण होगा या द्वस्त किया जाएगा वही ताराचंद ने विकाश प्राधिकरण पर गरीबों की दुकान मकान तोड़ने के आरोप भी लगाए तो फिर इस पर तोड़ने की कार्यवाही क्यों नही।

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