-मथुराा और वृंदावन में स्वर्ण जयंती, रामकृष्ण मिशन अस्पताल, नयति, पागल बाबा अस्पताल, कृपालु अस्पताल, ब्रज चिकित्सा संस्थान आदि बनेंगे कोविड अस्पताल
– एक हजार अतिरिक्त बेड के कोविड अस्पताल बनाने का लक्ष्य
मथुरा/ मदन सारस्वत। बढते कोरोना के मामलों को देखते हुए जनपद में आने वाले दिन कठिनाई भरे हो सकते हैं। लगभग 1000 बैड की जरूरत पड़ सकती है। इस जरूरत को महसूस करते हुए जिला प्रशासन ने इंतजाम प्रारंभ कर दिए हैं। ये सभी बैड ऑक्सीजन युक्त होंगे।
सोमवार को मथुरा में बढते कोविड संक्रमण के दृष्टिगत जिलाधिकारी नवनीत चहल एवं नगर आयुक्त अनुनय झा ने स्वर्ण जयन्ती अस्पताल पहुंच कर व्यापक इंतजाम करने के आदेश दिए। इस दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डा. रचना गुप्ता, मानवेन्द्र देव शर्मा-महाप्रबन्धक (मानव संसाधन) मथुरा रिफाइनरी भी उपस्थित रहे। दोनों अधिकारियों ने सम्पूर्ण अस्पताल का निरीक्षण किया। मथुरा वृंदावन नगर निगम के नगर आयुक्त अनुनय झा ने अस्पताल के मीटिंग हाल में प्रबंधन को बिंदुवार अस्पताल में 104 ऑक्सीजन बैड की उपलब्धता कराये जाने हेतु प्लान ऑफ एक्शन समझाया । अस्पताल में ओपीडी सेवा बन्द कर कोविड सेवायें प्राथमिकता के आधार पर प्रारम्भ करने एवं सेन्ट्रल ऑक्सीजन सप्लाई व्यवस्था कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। अस्पताल में 100 बैड की क्षमता के अनुरूप स्टाफ की तैनाती एवं आवश्यक उपकरणों व ऑक्सीजन आदि की व्यवस्था अस्पताल प्रबन्धन द्वारा मथुरा रिफाइनरी के सहयोग से करायी जायेगी।
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि प्रमुख उद्योगपति व जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल व रियल एस्टेट कारोबारी रामकिशन अग्रवाल ने भी सौ बेड का अस्पताल अपनी ओर से शुरू करने का वायदा किया है। वे पागल बाबा हॉस्पिटल में यह कोविड अस्पताल चलाएंगे।
रामकृष्ण मिशन अस्पताल वृंदावन में भी कोविड अस्पताल खोला जा रहा है। नयति अस्पताल में भी 200 बेड की व्यवस्था अलग से की गई है। इसके अलावा कृपालु महाराज के अस्पताल, ब्रज चिकित्सा संस्थान, ब्रज हेल्थ केयर समेत अन्य चिकित्सालय व एक दो आश्रमों को भी को भी अस्पताल का रूप दिया जाएगा।
कुल लगभग 1000 बेड की अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है। साथ ही हर मरीज के बेड पर ऑक्सीजन की सिलेंडर भी रखा जाएगा। ऑक्सीजन की कमी को एक सप्ताह के अंदर पूरा किए जाने का वायदा भी जिलाधिकारी ने मंत्री श्रीकांत शर्मा के समक्ष सोमवार की मीटिंग में किया। जिन अस्पतालों को को कोरोना अस्पताल का दर्जा दिया जा रहा है, उनके निरीक्षण के दौरान सीएमओ डॉ रचना गुप्ता एवं अन्य अधिकारी भी साथ में थे।