सुयोग्य वक्ता उत्कृष्ट चिंतक एवं श्रेष्ठ रचनाकार थे श्री हरिदास पीठाधीश्वर आचार्य ललित वल्लभ गोस्वामी

वृन्दावन। ब्राह्मण सेवा संघ की एक बैठक मारुति नगर स्थित सी. एल. शिशु शिक्षा निकेतन में संघ के संस्थापक पं. चन्द्रलाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें उपस्थित महानुभावों ने बाँके बिहारी मंदिर के सेवायत श्री हरिदास पीठाधीश्वर आचार्य श्री ललित वल्लभ गोस्वामी जी के परलोक गमन पर भावांजलि प्रकट करते हुए आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति बताया।

पं. चन्द्रलाल शर्मा ने कहा कि आचार्य ललित बल्लभ गोस्वामीजी ने श्री हरिदासीय परम्परा एवं साधना को नये आयाम देकर उसके रसमय स्वरूप को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। पं. सत्यभान शर्मा एवं डॉ मनोज मोहन शास्त्री ने कहा कि आचार्यजी उदार एवं निष्पृही होने के साथ-साथ बहुआयामी विधाओं के पुरोधा थे। पं. जगदीश नीलम एवं राज नारायण द्विवेदी ने कहा कि हरिदासीय सम्प्रदाय के प्रमुख आचार्य पीठाधीश्वर गोस्वामी ‌‌श्री ललित बल्लभ जी महाराज ने बिहारीजी महाराज एवं स्वामी श्री हरिदास जी महाराज से सम्बन्धित अनेक अद्‌भुत रहस्यों का उद्‌घाटन कर अपनी लेखनी के माध्यम से जन-जन तक पहुंचा।

पं. आर. के. त्रिपाठी एवं महेशबाबा ने संयुक्त भावांजलि में कहा कि स्वामी हरिदास चरण चिंतन समारोह के संचालक के रूप में गोस्वामी जी ने देशभर के कलाकार, संगीतज्ञ एवं कवियों को मंच प्रदान कर ब्रज संस्कृति एवं कलाओं का पोषण किया तथा ब्रज क्षेत्र में एक मात्र हरिदासजी का मंदिर‌ वृंदावन में स्थापित कर साधकों को व्रज रस परम्परा से जोड़ा।

पं. सुरेश चन्द्र शर्मा एवं आचार्य महेश भारद्वाज ने कहा कि आध्यात्मिक जगत के साथ-साथ हरिदास पीठाधीश्वर का सामाजिक एवं राजनीति के क्षेत्र में भी पर्याप्त प्रभाव था। पूर्व विदेश मंत्री दिनेश सिंह, चकलेश्वर सिंह, डा. कर्ण सिंह, कोटा के राजा गिरवर सिंह से उनके राजनैतिक सम्बन्ध थे।वे सुयोग्य बक्ता उत्कृष्ट चिंतक एवं श्रेष्ठ रचनाकार थे।

श्रद्धांजलि सभा में अनुपम वत्स, आर. सी. द्विवेदी, जगदीश शास्त्री, वी.डी. शर्मा, सन्तोष चतुर्वेदी, राजेन्द्र शुक्ला, महंत प्रियाशरण, ब्रजेश शर्मा, नरेन्द्र शर्मा, नीरज गौड़, चंद्र मोहन जायसवाल, जे.पी. सारस्वत, विजेंद्र भाई कौशिक, चंदेश्वर जी, राम जीवन शर्मा, गोपाल सारस्वत, विमल चैतन्म ब्रह्मचारी अशोक अज्ञ, कृष्ण चन्द्र गौतम, डा० ब्रज किशोर, गोस्वामी, चन्द्र प्रकाश द्विवेदी, आनन्द प्रकाश द्विवेदी, डा. राम मूर्ति सारस्वत, डा. रूपकिशोर शर्मा, स्वामी शिवदयाल शर्मा, राम नारायण ब्रज बासी सहित अनेक महानुभावो ने भावांजलि प्रकट की। संचालन महासचिव पंडित जगदीश नीलम ने किया।

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