लोक अदालत के माध्यम से त्वरित न्याय प्राप्त करें
-लोक अदालत में दोनों ही पक्षों की जीत होती है
मथुरा। 12 मार्च को तहसील स्तर से जिला स्तर तक पूर्ण भारत वर्ष में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय लोक अदालत में आकर शीघ्र, सुलभ व सक्षम न्याय पायें, न्याय शुल्क वापस प्राप्त कर आपसी भाईचारा बढायें। राष्ट्रीय लोक अदालत दिनाँक 12 मार्च को जनपद मथुरा की किसी भी न्यायालय अथवा विभागीय मामलों को सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित किए जाने हेतु आवेदन-पत्र देकर अन्तिम आदेश व निर्णय प्राप्त कर सदैव के लिए लम्बित मामले से छुटकारा पाने का स्वर्णिम अवसर है। जनपद न्यायाधीश, मथुरा राजीव भारती द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि सस्ता, सुलभ न्याय प्रत्येक भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है। जनपद न्यायाधीश द्वारा लोक अदालत के लाभ के बारें में बताया कि पक्षों के मध्य आपसी सुलह समझौते के आधार पर विवाद का निस्तारण, पक्षकार व्यक्तिगत स्तर पर स्वयं पहल कर सकता है, लम्बित मामलों के लोक अदालत में निस्तारण कर न्याय शुल्क की वापसी की व्यवस्था, लोक अदालत द्वारा पारित निर्णय के विरूद्ध कोई अपील नहीं, कानूनी जटिलताओं से परे लोक अदालत की प्रक्रिया सहज और आपसी समझौते पर आधारित है। राष्ट्रीय लोक अदालत में संदर्भित किए जाने योग्य वादध्मामले छोटे छोटे जितने भी मुकदमें हैं उनका सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारण किया जा सकता है, चाहे वह भरण-पोषण से सम्बन्धित हों, चाहे वह मोटर दुर्घटना प्रतिकर के हों, सिविल प्रकृति के वाद हों, शमनीय अपराध के वाद हो, प्री लिटिगेशन स्टेज पर बैंक ऋण, जल कर, गृह कर एवं अन्य छोटे छोटे वादों का निस्तारण किया जा सकता है। यातायात पुलिस के द्वारा किए गए मोटर वाहन चालानों में जारी किए गए नोटिस, सम्मन प्राप्त हुआ हो या न हुआ हो, उसके उपरान्त भी सभी मोटर वाहन चालानों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत 12 मार्च में कराया जा सकता है, जिसके लिए वह समय से उपस्थित हों ताकि रजिस्टर कर ऐसे मुकदमें में सहज व सरल रूप से निर्णय किया जा सके।