सचिव द्वारा जिला कारागार का किया गया आकस्मिक निरीक्षण।

 

मथुरा ( ज़ीशान अहमद ) उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा के निर्देशानुसार बुधवार को जिला कारागार, मथुरा का आकस्मिक निरीक्षण श्रीमती नीरू शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला कारागार मथुरा के अधीक्षक श्री बृजेश कुमार, डिप्टी जेलर सुश्री करुणेश व श्री अनूप कुमार, चिकित्साधिकारी डॉ0 रोहिताश मीणा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त जेल विजिटर श्री ताराचंद एडवोकेट व श्री अरशद हुसैन रिज़वी एडवोकेट तथा बंदी पराविधिक स्वयसेवकगण आदि उपस्थित रहे।जिला कारागार मथुरा में निरीक्षण दौरान कुल 1609 बंदी निरूद्ध होना पाया गया। जिला कारागार पाकशाला के निरीक्षण दौरान पाया गया कि पाकशाला में बंदियों द्वारा सांयकाल का भोजन पकाने की तैयारी की जा रही थी।सचिव द्वारा जेल में निरुद्ध बंदियों को रिहा किए जाने हेतु ‘बैरक टू बैरक’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत जेल परिसर में बनी महिला बैरक का निरीक्षण किया गया, जिसमें निरुद्ध महिला बंदियों से उनके प्रकरण एवं जमानत की स्थिति के संदर्भ में व्यक्तिगत वार्ता की गई। इसके अलावा उन्हें निशुल्क अधिवक्ता के बारे में भी बताया गया। ऐसी महिला बंदियों से विशेष तौर पर वार्ता की गई जिनकी जमानत तो चुकी है किंतु उनके पास जमानती न होने के कारण जेल में निरुद्ध हैं। ऐसी महिला बंदियों को उनके अधिवक्ता से फोन के माध्यम से उनकी जमानत की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करने हेतु निर्देशित किया गया।निरीक्षण दौरान जेल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि जेल में निरुद्ध बंदियों के लिए यूपी कौशल विकास की तरफ से प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें जेल में निरुद्ध 60 पुरुष बंदियों को डाटा एंट्री ऑपरेटर व इलेक्ट्रीशियन तथा 30 महिला बंदियों को सिलाई, कढ़ाई तथा बुनाई का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा हैं। इसके अतिरिक्त जेल में निरूद्ध बंदियों को एल०ई०डी० बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा पोशाक बनाने का कार्य भी बंदियों द्वारा किया जाता है।निरीक्षण दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त जेल विजिटर श्री ताराचंद एडवोकेट व श्री अरशद हुसैन रिज़वी एडवोकेट द्वारा जिला कारागार मे निरुद्ध बंदियों की अपीलें तैयार की जा रही थी।निरीक्षण दौरान जेल चिकित्साअधिकारी द्वारा बताया गया कि जेल में कोई भी बंदी आई फ्लू से ग्रसित नहीं है। निरीक्षण दौरान उपस्थित बंदियों से निशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता के सम्बंध में जानकारी ली गई। बन्दियों द्वारा बताया गया कि सभी के पास उनके व्यक्तिगत / सरकारी अधिवक्ता मौजूद हैं, बंदियों द्वारा खाने-पीने की कोई समस्या होना नहीं बताया गया। इसके अलावा सचिव द्वारा जेल लोक अदालत के संदर्भ में बताते हुए कहा कि छोटे मुकदमों को जेल लोक अदालत के माध्यम से जुर्म इकबाल करते हुए खत्म किया जा सकता है जिसका लाभ जेल में निरूद्ध बंदियों द्वारा उठाया भी जा रहा है। जेल लोक अदालत में पत्रावली लगवाए जाने हेतु बंदियों को प्रेरित किया गया।

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