मथुरा प्रदेश की महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी ने संस्कृति विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया गया। दीक्षांत समारोह का प्रारम्भ जल संरक्षण संदेश के साथ किया गया। दीक्षांत समारोह में महामहिम जी द्वारा 146 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई, जिसमें 21 पीएचडी शोधार्थी को उपाधि दी गई, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट एवं डिप्लोमा के 125 विद्यार्थियों को पदक देकर सम्मानित किया गया, जिसमें 45 को स्वर्ण पदक, 42 रजत पदक तथा 38 को कांस्य पदक प्रदान किया गया। महामहिम जी द्वारा संस्कृति विश्वविद्यालय में सांसद श्रीमती हेमा मालिनी जी को मानद उपाधि देकर सम्मानित किया गया।
श्रीमती पटेल जी ने विद्यार्थियों को संबांेधित करते हुए सभी उपाधि एवं पदक प्राप्त छात्र छात्राओं को शुभकामनाऐं दी। छात्र छात्राओं को जब उपाधि एवं पदक प्राप्त होता है, तो सबसे ज्यादा खुशी माता पिता को होती है। जन्म से लेकर आपकी कामयाबी तक आपके माता पिता का श्रेय होता है, उनके द्वारा आपके लिए परिश्रम किया जाता है और दिन रात मेहनत कर आपको सफल बनाने में सहयोग किया जाता है। माता पिता ने कष्ट उठाकर आपको प्रेरणा दी है, सभी सुविधायें दी हैं तब जाकर आज आप गोल्ड मेडल आदि प्राप्त कर रहे हैं।
महामहिम जी ने संस्कृति विश्वविद्यालय की प्रशंसा की और कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे कार्य सराहनीय है और एक अच्छे समाज को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है। संस्कृति विश्वविद्यालय ने संकल्प लिया है कि वे 100 गरीब बेटियों को निशुल्क शिक्षा देंगे। मा0 प्रधानमंत्री जी ने गरीब को छत, महिलाओं को गैस का कनेक्शन, महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया तथा ऐसी कई योजनाओं से लोगोें को लाभान्वित किया। बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार ने यूनिफाॅम, शूज, भोजन, सभी का एडमिशन आदि सुविधायें सुनिश्चित की। बच्चों की शिक्षा अच्छी रहे इसके लिए सरकार ने प्रयास किया। इन सभी प्रयासों का परिणाम यह आया कि पिछले 06 साल में भारत में 16 करोड़ परिवार गरीबी से बाहर निकले हैं। इन सभी परिवारों को जीवन मिला और इसमें सब लोगों ने सहयोग किया, किसी ने सीएसआर का उपयोग किया, किसी ने स्कूल, काॅलेज बनाये होंगे, किसी ने अच्छी अच्छी यूनिवस्र्टीज बनाकर बच्चों को पढ़ाने का काम किया होगा, महिलाओं को ट्रैनिंग देने का प्रयास किया गया होगा, अधिकारियों द्वारा सरकार की योजनाओं एवं पैसे का सही उपयोग किया गया होगा।
उन्होंने कहा कि आंगनबाडियों द्वारा बच्चों के विकास के लिए किये जा रहे कार्य बहुत प्रसंशनीय हैं तथा अक्षय पात्र द्वारा स्वादिष्ट एवं पोष्टिक भोजन बच्चों को प्रदान किया जा रहा है। अक्षय पात्र द्वारा बच्चों को सप्ताह में एक दिन मिठाई भी दी जाती है।
समाज के सहयोग के बिना कोई सरकार नहीं चल सकती है। सबसे पहले शिक्षा, उसके बाद स्वास्थ्य तथा तीसरे स्थान पर किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाऐं उन तक पहुॅचें इसके लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। गरीब आय के बच्चे को गरीबी से बाहर निकालने का एक ही तरीका है वह शिक्षा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले चार सालों में समाज सेवियों के सहयोग से 5160 आंगनबाड़ी केन्द्रों में आंगनबाड़ी संशाधन किटों का वितरण किया गया है। एक संशाधन किट लगभग 30 हजार की आती है। जिलाधिकारी पुलकित खरे की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि जिलाधिकारी के प्रयासों से आज जनपद मथुरा के आंगनबाड़ी केन्द्र आंगनबाड़ी संशाधन किटों से संतृप्त हो गये हैं। किट पाकर बच्चों में खुशी की लहर दौड़ेगी तथा बच्चे आंगनबाड़ी की ओर आकर्षित होंगे और ज्यादा से ज्यादा केन्द्रों पर आयेंगे। केन्द्रों पर अब प्लेट, गिलास, चेयर, टेबल, खिलौने आदि साधन मिलते हैं। इसे एक अभियान के रूप में पूरे भारत में चलाने की आवश्यकता है।
महामहिम जी ने कहा कि सभी छात्र छात्रायें आंगनबाड़ी केन्द्रों पर जायें और फल की टोकरी साथ लें जायें तथा जन्मदिन भी उन्ही के साथ मनायें, ऐसा करने से आप और बच्चों को खुशी मिलेगी तथा संतोष का अहसास होगा। हमें यह आदत बनानी चाहिए कि जिन्हे कुछ नहीं मिला उन्हें देना चाहिए। फल पाकर बच्चों में खुशी एवं आनन्द की लहर दौड़ती है। विश्वविद्यालयों को आंगनबाड़ी केन्द्रों से जोड़ने की जरूरत है, विश्वविद्यालयों को पांच पांच गांव गोद लेने चाहिए तथा उन गांवों में जागरूकता के साथ साथ योजनाओं से लोगों को लाभान्वित करना चाहिए। विश्वविद्यालयों के छात्र छात्राओं को गांव गांव जाकर प्रधानों से वार्ता कर जानकारी लेनी चाहिए कि कौन कौन सी योजनाओं से लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है तथा महिलाओं को संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित करना चाहिए। एक विश्वविद्यालय पांच गांवों मंे परिवर्तन ला सकती है। बच्चे गांव में जायें, वहां की परेशानियां जाने, किसानों की जरूरतों को समझें- इन सब पर रिसर्च करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालयों और गांवों को जोड़ने की आवश्यकता है।
महामहिम राज्यपाल जी ने कहा कि हमें बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करनी चाहिए, बच्चों में अच्छे संस्कार, ऐथिक्स, संवेदनशीलता तथा सेवाभाव आना चाहिए, जिसे हम सर्वागीण विकास कहते हैं और वही हमारे शिक्षा का कार्य है कि सभी बच्चों को हम सर्वागीण विकास की ओर ले जायें और एक अच्छा नागरिक समाज में हम प्रस्तुत करें। दीक्षांत समारोह के पश्चात महामहिम राज्यपाल जी ने सांस्कृति विश्वविद्यालय के परिसर में मा0 मंत्री नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग श्री एके शर्मा जी, मा0 सांसद श्रीमती हेमा मालिनी, जिलाधिकारी पुलकित खरे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय आदि के साथ वृक्षारोपण किया तथा वृक्षारोपण जन अभियान 2023 के अन्तर्गत प्रदेश में 35 करोड़ पौधारोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। छात्र छात्राओं को वृक्षारोपण के लिए पौधे वितरण किये।
कार्यक्रम में संस्कृति विश्वविद्यालय के चांसलर डाॅ सचिन गुप्ता, वाइस चांसलक एमबी चेट्टी, चेयरमेन माईक्रोटेक सुबोध गुप्ता, गु्रप चेयरमेन आरके गुप्ता, एसएस अग्रवाल, राजेश गुप्ता, शरण बिहारी अग्रवाल, मुकेश गुप्ता सहित विभिन्न अधिकारीगण उपस्थित रहे।
वृक्षारोपण के उपरांन्त महामहिम राज्यपाल जी ने संस्कृति विश्वविद्यालय के दूसरे कैम्पस में आयोजित कार्यक्रम में 180 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को संबोधित किया। कार्यक्रम में महामहिम ने 932 आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु संशाधन किट प्रदान किये तथा मौके पर 10 आंगबाड़ी कार्यकत्रियों को आंगनबाड़ी संशाधन किटों का वितरण किया, जिसमें हेमलता, राजवाला, राधारानी, रेखारानी, डाॅली शर्मा, कुसुम लता, ज्योतसना शर्मा, इन्द्रारानी, सुमन गुप्ता तथा किरन शर्मा शामिल हैं। गिर्राज फाईल्स ने 60, वृन्दावन एग्रो इण्डस्ट्रिज ने 123, जिन्दल ग्रुप ने 94, रिफाइनरी ने 186, पंचायतीराज ने 301 तथा बेसिक शिक्षा विभाग ने 168 कुल 932 आंगनबाड़ी संशाधन किट प्रदान की।
जिलाधिकारी पुलकित खरे ने कहा कि जनपद के लिए यह एक एतिहासिक दिन है तथा हर्ष एवं उल्लास का अवसर है कि आज हमारी सभी आंगनबाड़ी आंगनबाड़ी संशाधन किटों से संतृप्त हो गयी हैं। उन्होंने कहा कि 02 मार्च 2023 को महामहिम राज्यपाल जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ था, जिसमें उनके द्वारा आंगनबाडी केन्द्रों को बेहतर बनाने तथा केन्द्रों पर ट्राईसाइकिल, झूले वाले घोडे, नम्बर्स, एबीसीडी, फल, एनिमल्स, ब्लाॅक्स, पजेल्स, बाॅल, क्ले, रिंग्स, स्टोरी बुक, एजुकेशनल मैप, वाइट बोर्ड मार्कर एवं डस्टर, टेबल, चेयर आदि को सीएसआर के माध्यम से सामाजिक संस्थाओं को जोड़ते हुए उपलब्ध कराने हेतु कहा गया था।
जनपद में कुल 2363 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जो कुल 1546 कमरों में संचालित हैं। महामहिम जी के कर कमलों से 29.05.2023 को 600 आंगनबाड़ी संशाधन किटों से आंगनबाडियों को सुसज्जित किया गया तथा महामहिम जी के प्रेरणा से आज जनपद के शेष सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को आंगनबाड़ी संशाधन किटों से संतृप्त किया गया।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने यह भी प्रण लिया कि मिशन मोड के अन्तर्गत 03 माह में सभी समाज सेवियों के सहयोग से जनपद के सभी 2200 प्राथमिक स्कूलों में डेस्क एवं बैंच की व्यवस्था की जायेगी।
महामहिम जी द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिलाधिकारी के प्रयासों से यह संभव हो पाया है कि आज सभी आंगनबाड़ी केन्द्र आंगनबाड़ी संशाधन किटों से संतृप्त हैं, उन्होंने इसके लिए जिलाधिकारी एवं प्रशासन की भूरी भूरी प्रशंसा की। जिलाधिकारी पुलकित खरे की पहल से यह संभव हो पाया है कि आज पूरे देश में मथुरा ही एक मात्र ऐसा जनपद है जहां सभी आंगनबाड़ी केन्द्र आंगनबाड़ी संशाधन किटों से संतृप्त हैंै। यह एक अभूतपूर्व कार्य है। यह किट पाकर आंगनबाड़ी खुश होंगी, उनकी खुशी से बच्चे भी खुश होंगे तथा उनके परिवार भी खुश होंगे। यही बच्चे आगे चलकर देश को खुशी दिलवायेंगे।
उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कार, अच्छा स्वास्थ्य, अच्छी शिक्षा, अच्छा भोजन आदि देना है। आंगनबाडी मंे आने वाले च्चों को भी अपेक्षा होती है उन्हें अच्छी चेयर, टेबल, पेन, किताब, खिलौने, भोजन आदि मिलें। अक्षय पात्र द्वारा बच्चों को गर्म, स्वादिष्ट एवं पौष्टिक आहार प्रदान किया गया, जिससे आज अधिकाधिक बच्चे केन्द्रों पर आते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे जब पेट में होते हैं तब से ही सीखना चालू कर देते हैं उनका विकास होना चालू हो जाता है। हमें ध्यान देना चाहिए कि उस समय हम क्या खाते हैं, क्या बोलते हैं तथा झगड़ा आदि नहीं करना चाहिए। यह सब हमें सीखना चाहिए और गर्भसंस्कार की ओर प्रेरित होना चाहिए। विश्वविद्यालयों को गर्भसंस्कार के विषय चालू करने चाहिए इस पर प्रशिक्षण कराना चाहिए। डाॅक्टर्स को आंगनबाड़ी केन्द्रों से जोड़ते हुए उसका विकास करना चाहिए। कब क्या खाना चाहिए, क्या पौष्टिक है आदि शिक्षा लेनी चाहिए। क्या खाने से गर्भवती महिलाओं के बच्चे की अच्छी आंख, हड्डी आदि बने उसका सेवन करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को यह पता होना चाहिए कि शरीर में कितना हीमोग्लोबिन, वजन आदि होना चाहिए। यही सब गर्भसंस्कार का कार्य है। काॅलेज की लडकियों को इन सबके बारे में सिखाना चाहिए। बेटियों को पहले से ही इस ओर शिक्षित करना चाहिए, जिससे उनको लाभ मिले।
उन्होंने कहा कि हमारी कार्यकत्री का विचार बदलेगा, तो सभी महिलाओं का विकास होगा। सभी आंगनबाडी सुपरवाइजर को आंगनबाडी संशाधन किटों की टैªनिंग देना सुनिश्चित करें, जिससे वह सभी आंगनबाडी कार्यकत्रियों को उक्त प्रशिक्षण दे सकें। उन्होंने कहा कि हमें शतप्रतिशत संस्थागत प्रसव हेतु कार्य करने चाहिए तथा महिलाओं को उसके लिए प्रेरित करना चाहिए। सभी आशाओं का यह कर्तव्य है कि वे इस हेतु कार्य करें। मां का पहला दूध बच्चों को एक घंटे के अन्दर पिलाना चाहिए, मां का दूध अमृत होता है। माता का दूध सभी प्रकार के वायरसों को खत्म कर देता है इसलिए मां का दूध सर्वश्रेष्ठ है। इस हेतु भी आशाओं को प्रयास करना चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि मैं गरीबों के लिए काम करूंगा, जिसके अन्तर्गत गरीबों के लिए बहुत सारी योजनायें चलाई गई, जिसका लाभ सीधा बैंक खातों में दिया गया। गरीबों को छत, मकान, लाईट, गैस कनेक्शन, मुद्रा योजना के अन्तर्गत ऋण, कार्य हेतु टैªनिंग आदि किया गया, जिसका परिणाम है कि आज 16 करोड़ परिवार गरीब परिवर गरीबी से बाहर निकल चुका है। सरकार ने गरीबों को आत्मनिर्भर/व्यवसाय आदि हेतु लोन दिया, जिसका गरीबों ने शत प्रतिशत उपयोग करते हुए फायदा उठाया। गरीबों ने लिया गया ऋण ससमय चुकाया यह एक बहुत प्रसंशनीय कार्य है।
अच्छे समाज के लिए बच्चों में संस्कार, शांति, सेवाभाव, ऐथिक्स आदि होना चाहिए। यह सुनिश्चित करना हमारा कार्य है। बच्चों के संस्कार उन्हें अच्छा इंसान तथा मानवीय बनाता है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों का विकास ही देश का विकास है। महामहिम राज्यपाल जी ने जिलाधिकारी पुलकित खरे को आंगनबाड़ी केन्द्रों में किये गये विकासों एवं आंगनबाडी संशाधन किट से संतृप्त किये जाने हेतु प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी पुलकित खरे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना, उप जिलाधिकारी छाता ध्रुव खादिया, सचिन गुप्ता, अजय तिवारी, ललित अरोड़ा, ब्रजेश मालीवाल, चन्द्रेश दुबे आदि उपस्थित रहे।