बिहार का राजकीय पक्षी गौरैया अपने वजूद की जंग लड़ रहा है। साल दर साल इनकी तादाद कम होती जा रही है। मोबाइल टॉवर के रेडिएशन का इनके जीवन पर बुरा असर हुआ है। अब इन्हें बचाने की कोशिशें तेज हो रही है। लिहाजा गौरैया दिवस भी मनाया जा रहा है। पटना में कंकड़बाग टैंपो स्टैंड पर कबाड़ से गौरैया की रेप्लिका बनाकर रखी गई है। इसे देखकर नई नस्लें इसे पहचान सकती हैं। इस कलाकृति के जरिए इन्हें बचाने की गुजारिश की गई है।