राष्ट्रीय अध्यापक कल्याण प्रतिष्ठान कोष से पेंशनर्स को भी आर्थिक सहायता दी जाय।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश की प्रदेश कार्यसमिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ0 देवी सिंह नरवार ने प्रदेश सरकार से माँग की है कि सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के गम्भीर बीमारी से पीड़ित सेवानिवृत्त अध्यापकों को भी राष्ट्रीय अध्यापक कल्याण प्रतिष्ठान कोष से न्यूनतम एक लाख की सहायता प्रदान की जाय।
ज्ञात हो कि माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार ने शासनादेश जारी कर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को राष्ट्रीय अध्यापक कल्याण प्रतिष्ठान कोष से गम्भीर रोग से पीड़ित अध्यापकों को एक लाख की आर्थिक सहायता देने की व्यवस्था की है साथ ही मृत शिक्षकों की बेटियों के विवाह के लिए भी अनुदान राशि एक लाख कर दी है। यह व्यवस्था अनुदानित (सहायता प्राप्त) माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए भी होनी चाहिए।
डॉ0 नरवार ने बताया है कि प्राय 70 वर्ष के उम्र पूरी करने वाले अधिकांश पेंशनर्स किसी न किसी गम्भीर बीमारी से पीड़ित हैं। अधिकांश पेंशनर्स को मधुमेह (डायबिटीज), उच्च रक्त चाप (ब्लड प्रेशर), हृदयगत बीमारी, किडनी व लीवर की बीमारियाँ घेरे हुए हैं। इन बीमारियों के इलाज के लिए पेंशनर्स को बहुत अधिक धन खर्च करना पड़ रहा है। जिससे वे कर्जदार होते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में उनकी आर्थिक स्थिति दिन व दिन खराब हो रही है। फलतः उन्हें अपनी गम्भीर बीमारी के इलाज लिए आर्थिक सहायता की अत्यन्त आवश्यकता है। पेंशनर्स के समक्ष एक और बड़ी कठिनाई है कि उनकी पेंशन से प्रतिवर्ष आयकर (इनकम टैक्स) की कटौती की जाती है। जबकि जनप्रतिनिधों सांसद, मंत्री व विधायकों की पेंशन से आयकर की कटौती नहीं होती है। इसलिये यह नियम पेंशनर्स पर भी समान रूप से लागू होना चाहिए। इस ओर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।
रिपोर्टर -गोविन्द शर्मा