रिपोर्ट जीशान अहमद मथुरा
राधा वैली के निवासियों ने श्री ग्रुप के खिलाफ खोला मोर्चा
* मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा गलत तरीके से निस्तारण करना
* राधा वैली कॉलोनी का रेरा में पंजीकरण ना होना
मथुरा।
राधा वाली निवासी श्री नरेंद्र सिंह हिंडोल ने उत्तर प्रदेश रियल स्टेट नियामक अथॉरिटी लखनऊ को भेजे अपने शिकायती पत्र में श्री ग्रुप की राधा वैली में विकास कार्य पूरा ना होने और कॉलोनी का रेरा में रजिस्टर ना होने की शिकायत की है श्री नरेंद्र सिंह हिंडौन में अपने भेजे शिकायती पत्र में बताया है कि राधा वैली कॉलोनी जोकि बांद्रा ब्रिज के पास हाईवे स्थित है जिसका मानचित्र मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा सन 2011 में स्वीकृत किया गया था और जिसका 5 वर्ष में कार्य पूर्ण करके श्री ग्रुप को पूर्णता सर्टिफिकेट एमबीडीए से प्राप्त करना था परंतु 12 वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद भी कॉलोनी में कार पूर्ण नहीं किए गए हैं।
Rera एक्ट 2016 के अंतर्गत अप्रूव्ड कॉलोनी को रेरा में रजिस्टर्ड कराया जाना आवश्यक था किंतु बिल्डर ने ना तो कॉलोनी को rera में रजिस्टर्ड कराया और ना ही कार पूर्ण किए बिल्डर द्वारा लोगों को गुमराह करने के लिए अपनी वेबसाइट क्योंकि अभी बंद है पर अपने को rera का रजिस्ट्रेशन UPRERAPRJ7477दर्शाया गया है इस कृत्य से लोगों के साथ-साथ शासन को भी गुमराह किया जा रहा है।
इससे पहले कॉलोनी के निवासियों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर लगातार पिछले 2 वर्षों से श्री ग्रुप के खिलाफ दर्ज कराई शिकायतों में मानक के अनुरूप बिल्डर द्वारा विकास कार्य नहीं कराए जाने की शिकायत की थी और उसमें यह भी बताया गया था कि कॉलोनी वासियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है इस शिकायत को विकास प्राधिकरण के अलावा जिलाधिकारी महोदय को भी अपनी शिकायत पहुंचाई थी परंतु निवासियों की शिकायतों पर विकास प्राधिकरण के अधिकारी बिना मौका मुआयना करके ऑफिस से ही श्री ग्रुप के पक्ष में शिकायत का निस्तारण करके पोर्टल पर अपनी रिपोर्ट भेज देते हैं इससे कॉलोनी वासियों में काफी रोष व्याप्त है। कॉलोनी वासियों का कहना है कि विकास प्राधिकरण के अभियंता दिनेश चंद जोकि एक बार भी हमारी शिकायत और हमारा पक्ष जानने के लिए कॉलोनी में नहीं आए और वह ऑफिस में बैठकर ही शासन को रिपोर्ट भेज रहे हैं जो कि गलत है । एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री जनता की शिकायतों को पोर्टल पर दर्ज शिकायत के लिए गंभीर रहते हैं और उनके निस्तारण के लिए हर समय अपने अधीनस्थों को आदेश देते रहते हैं परंतु उसके उलट अधिकारी मुख्यमंत्री व उनकी सरकार को बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।