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बच्चो का मौसम में रखें ध्यान

मौसमः बच्चों की खांसी को नजरअंदाज न करें, जांच कराएं-

एलर्जी, बैक्टीरियल इंफेक्शन, टीबी भी हो सकते हैं कारण

-लगातार सर्दी खांसी और बुखार बने रहने से टीबी होने का खतरा

  1. मथुरा ( ज़ीशान अहमद )मौसम में बदलाव आ रहा है। रात ठंडी होने लगी हैं, जबकि दिन में अभी भी मौसम में हल्की गर्माहट है। ऐसे मौसम में सर्दी जुकाम और खांसी के मरीज बढ़ जाते हैं। मौसमी बदलाव की चपेट में बच्चे ज्यादा आते हैं। ज्यादातर अभिभावक बच्चों की खांसी को मौसम का बदलाव या रात में पंखा चलाने को वजह मानते हैं, जबकि हकीकत में यह दिक्कत एलर्जी के कारण अक्सर होती है। यह टीबी का भी संकेत हो सकती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार वर्मा ने बताया कि बच्चों में टीबी का संक्रमण मिल रहा है, पहले से जागरूकता बच्चों को टीबी जैसे रोग से बचा सकती है। बदलते मौसम में बच्चों को एलर्जी या सर्दी खांसी हो जाती है। बारिश के दिनों में इम्युनिटी कमजोर होने के चलते बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी खांसी की समस्या बन जाती हैं। माता पिता इसे मौसम का बदलाव मानकर रात के ठंडे वातावरण को वजह मानते हैं, जबकि वास्तव में मौसम में आए बदलाव के कारण होता है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में ही इसे पहचान लिया जाए तो गंभीर समस्या होने से इसे रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि ज्यादा लंबे समय तक टीबी के लक्षण दिखने पर बच्चे की टीबी की जांच कराएं। इस मौसम में बैक्टीरिया काफी सक्रिय हो जाते हैं, जिसकी वजह से बच्चे जल्दी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं, जो कभी भी टीबी का रूप ले सकती है। इसलिए उनकी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। धूल भरा वातावरण, भीड़ वाले इलाके, औद्योगिक क्षेत्र, धुंए की तरह अन्य प्रदूषण भी खांसी की बड़ी वजह हैं, इसलिए बिना किसी जरूरत के बच्चों को अनावश्यक बाहर न निकलने दें। खांसते और छींकते समय उनके मुंह पर कपड़ा रखें।स

इस तरह का खान पान बेहतर

डीटीओ ने बताया कि बच्चों को पौष्टिक आहार, मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन अधिक कराएं। पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं। विटामिन सी वाले फल, जैसे संतरा, नींबू का सेवन अधिक मात्रा में कराएं और साथ में मौसमी सब्जियों का सूप अवश्य पिलाएं। यह सभी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

इन वस्तुओं से बच्चों को बचाएं

बच्चों को बाहर के गोलगप्पे, चाट, कोई भी खुली हुई चीज, गन्ने का रस आदि नहीं खाने पीने दें। बाजार का बर्फ इस्तेमाल न करें। धूल मिट्टी वाले रास्तों से गुजरते वक्त मास्क का इस्तेमाल अवश्य कराएं। गुनगुने शहद के साथ अदरक लहसुन का रस, तुलसी की चाय अधिक फायदेमंद होती है। अस्थमा से पीड़ित बच्चों को धूल मिट्टी से हमेशा बचाकर रखें। बच्चों को घरों में डस्टिंग करते, झाड़ू लगाते समय दूर कर दें। साधारण खांसी में कोई भी कफ सीरप इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन उसके लिए पहले किसी बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर ले लें।

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