भूले बिसरे खेलो की पहल से पुनः लौटेगा बचपन
– आधुनिक खेलों के साथ भूले बिसरे प्राचीन खेलों को भी देंगे बढ़ावाः सतीश चंद्र शर्मा
मथुरा। अभावग्रस्त बच्चों को शिक्षा संस्कार स्वास्थ्य एवं समाज की मुख्यधारा से जस्टिस फॉर चिल्ड्रन स्ट्रीट स्कूल निःशुल्क शिक्षा केंद्रों के संस्थापक एवं संचालक एवं बाल अधिकारों के लिए काफी वर्षो से कार्य कर रहे किशोर न्याय बोर्ड मथुरा सदस्य सतीश चंद्र शर्मा ने लुप्त होते भूले बिसरे खेलो को पुनः जीवित करने का अभियान शुरू किया है। कुछ वर्षो से प्रोत्साहन के अभाव और नई पीढ़ी को जानकारी नहीं होने से लंगड़ी टांग, गिल्ली डंडा, पकड़म पकड़ाई, छुपन छुपाई कंचा आदि दर्जनों पुराने खेल लुप्त होते जा रहे है। नई पीढ़ी इन खेलो से पूरी तरह अनभिज्ञ है। बच्चो में खेल खेलने से संयम जीतना और हारना, टीम भावना मांसपेशियों का विकास तथा शरीर चुस्त दुरुस्त और स्वस्थ रहता है सामाजिक कौशल का विकास टीम वर्क मस्तिष्क का विकास खेलों से शारीरिक विकास खिलाड़ी की भावना सहनशीलता रोग प्रतिरोधक क्षमता आदि गुणों का विकास होता है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए भूले बिसरे खेलो को पुनः जीवित करने का अभियान शुरू किया है ।
रिपोर्ट -जीशान अहमद मथुरा