*जनपद के प्रत्येक परिषदीय विद्यालय में अध्ययनरत समस्त छात्र/छात्राओं का “परख एप” के माध्यम से निपुण लक्ष्य/लर्निंग आउटकम पर आधारित आंकलन की परीक्षा का किया जाएगा आयोजन।*
आगरा – 26.11.2024/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री जितेन्द्र कुमार गोंड ने अवगत कराया है कि महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) उ०प्र० लखनऊ के निर्देशानुसार जनपद के प्रत्येक परिषदीय विद्यालय में अध्ययनरत समस्त छात्र/छात्राओं का “परख एप” के माध्यम से निपुण लक्ष्य/लर्निंग आउटकम पर आधारित आंकलन (नेट-NIPUN Assessment Test) की परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। श्रीमती प्रतिभा सिंह, मुख्य विकास अधिकारी महोदया आगरा के द्वारा विकास भवन सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग के समस्त अधिकारियों, एस०आर०जी० एवं ए०आर०पी० की बैठक के दौरान निर्देश दिए गए कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष उक्त परीक्षा प्रत्येक परिषदीय विद्यालय एवं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में दिनांक 29 एवं 30 नवम्बर, 2024 को आयोजित की जाएगी। दिनांक 29 नवम्बर, 2024 को कक्षा 01 से 03 तक तक के छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे वहीं दिनांक 30 नवम्बर, 2024 को कक्षा 04 से 08 तक के छात्र/छात्राएं परीक्षा देंगे। परीक्षा में खास बात यह है कि परिषदीय विद्यालयों व के०जी०बी०वी० के छात्र/छात्राएं ओ०एम०आर० शीट्स पर यह परीक्षा देंगे। निदेशालय स्तर से विशेषज्ञों की टीम के द्वारा प्रत्येक कक्षा के लिए अलग-अलग प्रश्न पत्र व ओ०एम०आर० शीट तैयार की गयी हैं। उक्त परीक्षा में लगभग 1.90 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे।
मुख्य विकास अधिकारी महोदया आगरा के द्वारा निर्देश दिए गए कि समस्त प्रधानाध्यापक तथा समस्त शिक्षक / स्टॉफ NAT हेतु निर्धारित तिथि के दिन निर्धारित समय से 01 घण्टा पूर्व विद्यालय में उपस्थित रहेंगे। परीक्षा का समय अधिकतम दो घण्टा निर्धारित किया गया है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक / शिक्षकों की उपस्थिति में परीक्षा से 15 मिनट पूर्व प्रश्नपत्र के सीलबन्द पैकेट / लिफाफे खोले जायेंगे तथा उक्त लिफाफे पर “लिफाफा मेरे समक्ष खोला गया” लिखा जाये एवं प्रधानाध्यापक तथा सहायक अध्यापकों द्वारा लिफाफे पर हस्ताक्षर भी किया जायेगा। परीक्षा के दौरान बच्चों को दूर-दूर बैठाया जायेगा, जिससे कि परीक्षा शुचितापूर्वक एवं नकल विहीन सम्पन्न करायी जा सके। ओ०एम०आर० शीट केवल ब्लैक बॉल पेन से ही भरी जायेंगी। कक्षा 1 से 3 के छात्र-छात्राओं की ओ०एम०आर० शीट पर 9 अंक का Student ID नम्बर शिक्षकों द्वारा भरा जायेगा। शिक्षक द्वारा प्रश्न पत्र के अनुसार छात्र-छात्राओं से वार्ता/साक्षात्कार करके आंकलन किया जायेगा तथा तद्नुसार सावधानीपूर्वक ओ०एम०आर० शीट भरी जायेगी। प्रश्न पत्र में दिये गये निर्देश के अनुसार छात्र-छात्राओं द्वारा सही उत्तर देने पर ओ०एम०आर० शीट में संबंधित प्रश्न के सापेक्ष बने गोले को शिक्षक द्वारा ब्लैक बॉल पेन से भरा जाएगा, अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित गोले को रिक्त छोड़ दिया जाएगा। इसी तरह कक्षा 4 से 8 के समस्त छात्र-छात्राओं को प्रश्न पत्र एवं ओ०एम०आर० शीट वितरित करने के उपरान्त प्रश्नपत्र एवं ओ०एम०आर० शीट भरने के तरीके के बारे में उदाहरण सहित समझाया जाएगा ताकि ओ०एम०आर० शीट भरने में छात्र-छात्राओं द्वारा किसी प्रकार की त्रुटि की संभावना नहीं हो। छात्र-छात्राओं द्वारा ओ०एम०आर० शीट में 9 अंक का Student ID नम्बर स्वयं भरा जायेगा तथा संबंधित प्रश्न के उत्तर हेतु सही गोले (A, B, C, D) को
ब्लैक बॉल पेन से स्वयं भरा जायेगा। मुख्य विकास अधिकारी महोदया के द्वारा निर्देश दिए गए कि NAT के उपरांत ओ०एम०आर० शीट “परख ऐप” के माध्यम से शिक्षक द्वारा स्कैन एवं अपलोड की जायेगी। छात्र-छात्राओं से ओ०एम०आर० शीट के संकलन के उपरान्त शिक्षकों द्वारा 02 घण्टे के अन्दर स्कैनिंग / अपलोडिंग की प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी। छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक होने की दशा में ओ०एम०आर० शीट स्कैनिंग / अपलोडिंग का कार्य प्रधानाध्यापक के पर्यवेक्षण में NAT तिथि को ही अतिरिक्त समय में किया जायेगा।
परीक्षा हेतु शिक्षकों व छात्र/छात्राओं के प्रेरित किए जाने के लिए जिलाधिकारी महोदय आगरा के द्वारा जनपद के विभिन्न सरकारी विभागों के 500 से अधिक अधिकारियों/ कार्मिकों की विद्यालय में भ्रमण हेतु 05-05 विद्यालय आवंटित कर ड्यूटी लगायी गयी है, जो कि परीक्षा की तिथि को दोनों दिवस में भी आवंटित विद्यालयों का भ्रमण करेंगे। इसके अलावा हर विकास खण्ड पर खण्ड शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में एक-एक फ्लाइंग स्क्वायड टीम रहेंगी एवं जिला स्तर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में 04 फ्लाइंग स्क्वायड टीम रहेंगी, जो समस्त 16 विकास खण्ड में भ्रमणशील रहेंगी।
मुख्य विकास अधिकारी महोदया के द्वारा अवगत कराया गया कि निपुण एसेसमेण्ट टेस्ट का उद्देश्य विद्यालयों में बेहतर एवं सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण का सूजन करना है। आंकलन के माध्यम से छात्र-छात्राओं के वर्तमान अधिगम स्तर का पता लगाना है, जिससे कि गैप एनालिसिस करते हुए छात्र-छात्राओं को आवश्यकता आधारित अनुसमर्थन प्रदान किया जा सके।
गोविन्द शर्मा