इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने थानों समेत विभिन्न विभागों में जब्ती के बाद पड़े वाहनों की रिहाई को लेकर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने डीजीपी थाने में पड़े वाहनों की विस्तृत जानकारी तलब की है। साथ ही जिला जजों को डीएम और एसएसपी संग बैठक कर इनके निस्तारण की योजना तैयार करते हुए रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की अदालत ने अलीगढ़ के वीरेंद्र सिंह की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने यह रिपोर्ट इसलिए तलब की है, ताकि वाहनों की रिहाई में आ रहीं दिक्कतों को समझा जा सके और उसका हल निकाला जा सके। कोर्ट ने कहा, यूपी में बड़ी संख्या में वाहन पुलिस थानों के बाहर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में छोड़ दिए जाते हैं, जो कवाड़ के रूप में थानों में पड़े रहते हैं। यह भी तब है जब उच्चतम न्यायालय ने सुंदरभाई अंबालाल देसाई के मामले में जब्त वाहनों को छोड़ने की प्रक्रिया निर्धारित कर रखी है।