जन्मभूमि मामले मे अब धर्म संसद

श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति को जन आंदोलन करने का शंखनाद
27 नवंबर को वृंदावन में होगी अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद
— दुनिया भर के संत होंगे शामिल, न्यास ने की घोषणा

मथुरा: श्री कृष्ण जन्म भूमि के एक हिस्से में बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाकर कब्जाई गई भूमि विराजमान ठाकुर केशव जी महाराज को सौंपे जाने के लिए चल रही कानूनी लड़ाई के साथ- साथ अब दुनिया भर मे जन आंदोलन शुरू किया जाएगा। रविवार को श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि 27 नवंबर में अंतर्राष्ट्रीय धर्म संसद का आयोजन वृंदावन में किया जाएगा। इसमें वृहद स्तर पर जन आंदोलन शुरू करने की संत महात्मा अपनी रणनीति तय करेंगे।
वृंदावन स्थित श्री कृष्णा इंटरनेशनल होटल में श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास और श्री कृष्ण जन्म भूमि विवाद के वादी अध्यक्ष महेन्द्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि न्यायालय में श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास श्री कृष्ण जन्म भूमि की करीब 13 एकड़ भूमि है। इसी भूमि पर ठाकुर केशव देव जी महाराज विराजमान थे, लेकिन मुगल बादशाहों ने ठाकुर जी के भव्य मंदिर को तोड़कर करीब ढाई एकड़ जमीन पार शाही मस्जिद ईदगाह का निर्माण करा दिया था। तभी से इस ढाई एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त करने का विवाद चला आ रहा है। यह मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन है। उन्होने बताया कि इस संघर्ष को जन आंदोलन के रूप में दुनिया भर मे खड़ा किया जाएगा। इसके लिए 27 नवंबर को वृंदावन में अंतर्राष्ट्रीय धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा।

सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा का कार्य श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास कर रहा है। न्यास से दुनिया भर के संत महात्मा जुड़े हुए हैं। और जुड़ने का कार्य जारी है। श्री पंच खंड पीठ पावन धाम आश्रम विराट नगर जयपुर आचार्य सोमेंद्र महाराज ने कहा कि श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास न्यायालय में कानूनी लड़ाई के साथ


साथ अब एक जन आंदोलन शुरू करने के लिए जा रहा है। इसके लिए 27 नवंबर में होने वाली धर्म संसद में रणनीति तय की जाएगी। स्पेन के संत स्वामी उमेश योगी ने कहा कि श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास ने जो संघर्ष आरंभ किया गया है, वह तब तक जारी रहेगी, तब तक श्री कृष्ण जन्म भूमि पर भव्य मंदिर बनकर तैयार नहीं होता है। उनका कहना था कि इसके लिए अगर महाभारत करना भी पड़ेगा तो फिर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 13 देशों में हिंदू एकजुट होकर अपने आराध्य की भूमि को मुक्त कराने के लिए आन्दोलन करने के लिए तैयार हैं। श्री दिगंबर जैन महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मणिन्द्र जैन ने कहा, जैन धर्म में भी भगवान श्री कृष्ण की एक अन्य रूप में पूजा होती है। हमारे पंथ और संप्रदाय अलग अलग हो सकते हैं, मगर हम सभी का लक्ष्य है। वह है श्री कृष्ण जन्म भूमि की जमीन को मुक्त कराकर उस पर भव्य मंदिर का निर्माण हो सके। इसके लिए हम सब तैयार हैं। वृंदावन के संत गोविंदा नंद तीर्थ ने कहा कि इस लड़ाई को हम सब सनातनी मिलकर लड़ रहे हैं। वृंदावन के ही संत डॉक्टर आदित्यानंद महाराज ने कहा कि वृंदावन में होने वाली धर्म संसद की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसमें ही आगे जन आंदोलन की राजनीति तय की जाएगी। हरियाणा के संत अरुणानंद महाराज ने कहा कि आंदोलन को सफल बनाने के लिए जी घर यज्ञ कराए जा रहे हैं। संत महात्मा मिलकर ठाकुर केशव देव जी महाराज का एक भव्य मंदिर बनाएंगे।

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