रिपोर्ट -मदन सारस्वत मथुरा
मथुरा। कान्हा की नगरी में होली के रंग अनूठे हैं। यह अनूठा पन होली खेलने तक ही सीमित नहीं है। होलिका दहन भी यहां बेहद आकर्षक होता है। फालैन में धधकती होली से पंडा का निकलना सब को आश्चर्यचकित करता रहा है। वहीं दहन के लिए सजाई जाने वाली होलिका भी सबको आकर्षित करती है। होली के कान्हा की नगरी का रूप अलग ही नजर आ रहा था। हर तिराहे चौराहे पर गोद में प्रहलाद को बिठाये होलिका की प्रतिमा थी। जगह जगह सुंदर रंगोलियां नजर आ रही थीं। मंदिरों को आकर्षक ढंग से इस अवसर के लिए सजाया गया था। रात को ब्रज के मंदिर दूधिया और रंग बिरंगी रोशनी से जगमगा उठे। माना जाता है कि कान्हा की नगर में ही सबसे पहले होली की प्रतिमा का होलिका दहन के दिन स्थापित करने की परंपरा शुरू हुई थी। होली वाली गली का महत्व भी इससे जुड़ा हुआ है। होली गेट पर होलिकोत्सव समिति की ओर से आयोजन की परंपरा का भी विधवत निर्वान्ह किया जा रहा है। होली पर मथुरा वृंदावन के प्रमुख मंदिर और चौराहों तिराहों पर रंगोली से सजावट की गई। कृष्णापुरी कॉलोनी, महाविद्या, गोविंद नगर, कृष्णा नगर, धौली प्याऊ, डैंपियर नगर, कृष्णापुरी में विशेष सजावट की गई। तिराहे चौराहों पर जगह जगह स्क्रीन भी लगाई गई हैं जिन पर ब्रज की होली को दिखाया जा रहा है। नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत तिरंगा लाइटों से सजावट की गई है। यमुना ब्रिज पर तिरंगा लाइट रात में मनमोहक दृश्य बना रही हैं। घाटों पर फाउंटेन एण्ड लाइट तथा स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की गई। इससे एक अच्छा संदेश श्रद्धालु और मथुरा वृंदावन की छवि लोगों के मन में गई होगी।
चतुर्वेदी समाज के डोला में शामिल झांकी।