Madan sarswat Mathura
मथुरा। छात्र-छात्राओं को ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति से अवगत कराने के लिए के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल मथुरा में शुक्रवार को ओरोफेशियल कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इस ओरोफेशियल कॉन्क्लेव में प्रो. (डॉ.) वी. रंगराजन, डॉ. सुनाली खन्ना, डॉ. अतिहर्ष मोहन अग्रवाल, डॉ. अंशू गुप्ता, डॉ. प्रशांत गुप्ता और डॉ. नेहा मित्तल आदि अतिथि वक्ताओं ने छात्र-छात्राओं को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में हुई आशातीत प्रगति से अवगत कराया।
ओरोफेशियल कॉन्क्लेव का शुभारम्भ करने से पहले डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी तथा डॉ. विनय मोहन विभागाध्यक्ष ओरल मेडिसिन एण्ड रेडियोलॉजी ने अतिथि वक्ताओं का स्वागत किया। कॉलेज के सभागार में आयोजित ओरोफेशियल कॉन्क्लेव में कॉलेज के विभाग प्रमुखों सहित लगभग पांच सौ यूजी और पीजी छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की। डॉ. अंशू गुप्ता ने ‘सिनॉप्टिक रिव्यू ऑफ हेड एण्ड नेक एनाटॉमी’ पर आसान सीखने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए भ्रूणविज्ञान और सिर तथा गर्दन की सभी महत्वपूर्ण संरचनात्मक संरचनाओं के बारे में चित्रात्मक रूप से प्रकाश डाला। अतिथि वक्ता डॉ. अतिहर्ष मोहन अग्रवाल ने ‘बेसिक लाइफ सपोर्ट’ पर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए दंत चिकित्सा में बुनियादी जीवन समर्थन प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बीएलएस कौशल से लैस दंत चिकित्सक अपने क्लीनिक में लोगों की जान बचा सकते हैं।
इसके बाद डॉ. सुनाली खन्ना ने 3डी डेंटिस्ट्री: इनोवेशन एण्ड ऑप्टिमाइजेशन पर व्याख्यान दिया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को सटीक निदान और उपचार योजना के साथ ही बेहतर परिणामों के बारे में जानकारी दी। प्रोफेसर (डॉ.) वी. रंगराजन जोकि ओरोफेशियल दर्द के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध विशेषज्ञ हैं, उन्होंने ‘ओरोफेशियल दर्द- दंत चिकित्सा में नवीनतम विशेषता’ पर प्रकाश डाला। उन्होंने ओरोफेशियल दर्द के निदान और प्रबंधन के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण के महत्व तथा प्रभावी उपचार प्रदान करने और ऐसी स्थितियों से पीड़ित लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए बहु-विषयक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. प्रशांत गुप्ता ने ‘सिर और गर्दन के क्षेत्र में मल्टी मॉडेलिटी इमेजिंग की भूमिका’ पर अपने व्याख्यान में दंत रेडियोग्राफी में सभी पारम्परिक और हालिया प्रगति तथा उन स्थितियों के बारे में बात की जो एक विशेष प्रकार की तकनीक का उपयोग करने का संकेत देते हैं। उन्होंने कहा कि मौखिक घावों और इसके निदान के इतने विशाल क्षेत्र से संबंधित कोई भी ज्ञान विभिन्न प्रकार के घावों के हिस्टोपैथोलॉजी के गहन ज्ञान के बिना अधूरा है। अंत में डॉ. नेहा मित्तल द्वारा ‘माइक्रोस्कोप के माध्यम से नैदानिक दृश्य’ पर सारगर्भित उद्गार व्यक्त किए गए। ओरोफेशियल कॉन्क्लेव के समापन से पहले प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी द्वारा प्रोस्थोडॉन्टिक्स में अग्रणी और इंडियन प्रोस्थोडॉन्टिक सोसाइटी के पूर्व सचिव तथा अध्यक्ष डॉ. वी. रंगराजन को सम्मानित करते हुए उन्हें सम्मान पत्र भेंट किया गया।
कार्यक्रम का समापन प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ। आर.के. एज्यूकेशन ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज अग्रवाल ने के.डी. डेंटल कॉलेज में ओरोफेशियल कॉन्क्लेव कार्यक्रम की सराहना की। प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में अतिथि वक्ताओं का आभार मानते हुए कहा कि आज साझा किए गए ज्ञान के बीज निश्चित रूप से छात्र-छात्राओं को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने को प्रेरित करेंगे। डॉ. लाहौरी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से शैक्षणिक संस्थानों के भीतर ज्ञान-साझाकरण और सहयोग की संस्कृति पल्लवित होती है। ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. विनय मोहन ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में वर्तमान प्रगति के बारे में जागरूक और अद्यतन रहने में मदद करते हैं। कार्यक्रम का संचालन ओरल मेडिसिन एवं रेडियोलॉजी विभाग की पीजी छात्रा डॉ. समीक्षा भारद्वाज ने किया।