Madan sarswat mathura
मथुरा रोगी की सेवा नारायण सेवा है रोगी की सेवा नारायण रूप में होती है तो प्रभु भी प्रसन्न होते हैं। सेवा से न सिर्फ दूसरों की सहायता होती है बल्कि हम स्वयं की सहायता कर रहे हैं। इससे हमें हमारे मन एवं आत्मा को भी प्रसन्नता होती है। हमें अपनी सामर्थ अनुसार पीड़ित एवं जरूरतमंद का सहयोग अवश्य करना चाहिए यह विचार रविकान्त गर्ग, चेयरमैन, उत्तर प्रदेष व्यापार कल्याण बोर्ड ने स्व0 श्रीमती प्रेमवती धर्मपत्नी श्री मदन मोहन अग्रवाल जी (मावली वाले) की स्मृति में कल्याणं करोति द्वारा आयोजित निःषुल्क नेत्र चिकित्सा षिविर के समापन समारोह के अवसर पर श्रीजी बाबा चिकित्सा संस्थान के प्रांगण में व्यक्त किये।
बृज मोहन अग्रवाल ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आँखे व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसकी हमें सुरक्षा करनी चाहिए कल्याणं करोति बुजुर्गों को नई रोषनी दे रही है। यह बड़ा ही पुण्य का काम है। कल्याणं करोति संस्थान केवल अनेक वर्षों से अन्धता निवारण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। अपितु संस्था दिव्यांग भाइयों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण प्रदान कर पीड़ित मानवता की सेवा के कार्य कर रही है। हम लोगों को भी सामर्थ के अनुरूप सेवा के कार्य करने चाहिए।
संस्था महासचिव सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि स्व0 श्रीमती प्रेमवती धर्मपत्नी श्री मदन मोहन अग्रवाल जी (मावली वाले) की स्मृति में कल्याणं करोति द्वारा निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर में आये 186 नेत्र रोगियों ने पंजीकरण कराकर परीक्षण कराया जिसमें से 51 नेत्र रोगियों के नेत्र आपरेशन कर नेत्र रोगियों हेतु पंलग, बिस्तर, दवा, चश्मा, भोजन की व्यवस्था पूर्णतः निःशुल्क रूप से की गई।कार्यक्रम का संचालन संस्था सहसचिव निरूपम भार्गव द्वारा किया गया। इस अवसर पर मदन मोहन अग्रवाल, नीना अग्रवाल, मुरारी अग्रवाल, कन्हैया अग्रवाल, अरूण कुमार गोयल, रोहित अग्रवाल आदि उपस्थित थे।