अपात्र देंगे निधि वापस

किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे अपात्रों को धनराशि लौटानी होगी
-कृषि विभाग ने जारी की अपात्रता वाली सत्रों की सूची

मथुरा (मदन सारस्वत ) किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे अपात्र व्यक्तियों को अब तक ली धनराशि वापस करनी होगी। उप कृषि निदेशक रामकुमार माथुर ने अवगत कराया है कि जनपद के जिन कृषकों को भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ गलत तरीके से जैसे पात्रता की शर्तों के विपरीत प्राप्त हो रहा है, वह निधि का लाभ लेना बंद कर दें और जो पैसा उन्होंने अब तक लिया है उसे सरेंडर कर दें। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अपात्रता को परिभाषित करने वाले बिन्दु निम्न प्रकार हैं। रामकुमार माथुर ने बताया कि जनपद के ऐसे कृषक परिवार जिनमें पति एवं पत्नी दोनां ही किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त कर रहे है। पति एवं पत्नी दोनां में से एक व्यक्ति को ही किसान सम्मान निधि का लाभ देय है। जनपद के ऐसे कृषक जो कि भूतपूर्व अथवा वर्तमान संवैधानिक पदधारक है। जनपद के ऐसे कृषक जो कि भूतपूर्व अथवा वर्तमान मंत्री, राज्यमंत्री या भूतपूर्व, वर्तमान सदस्य लोक सभा, राज्यसभा, राज्य विधान सभा, राज्य विधान परिषद या भूतपूर्व अथवा वर्तमान नगर महापालिका के मेयर या भूतपूर्व अथवा वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। केन्द्र, राज्य सरकार के कार्यालय, विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी केन्द्र और राज्य सरकार सहायतित अर्ध सरकारी संस्थान तथा सरकार से संबद्ध समस्त कार्यालय, स्वायत्तशासी संस्थान तथा स्थानीय निकायों के नियमित कार्मिक (चतुर्थ श्रेणी, समूह घ के कार्मिको को छोड़कर) हैं। जनपद के ऐसे कृषक जिनके द्वारा वर्तमान, विगत वर्ष में आयकर का भुगतान किया गया है। जनपद के ऐसे कृषक जिनकी मासिक पेन्शन 10000 से अधिक है (चतुर्थ श्रेणी, समुह घ के सेवानिवृत्त पेंशनरों को छोड़कर)। जनपद के ऐसे कृषक जो पेशेवर डाक्टर, इन्जीनियर, अधिवक्ता, चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट अथवा आर्कीटेक्ट इत्यादि की श्रेणी में हैं और अपने से सम्बंधित पेशे के लिए पंजीकरण करने वाली संस्था में पंजीकृत हैं तथा तदनुसार अपने पेशे में कार्यरत हैं। भूमिहीन तथा अपने पिता अथवा परिवार के अन्य किसी सदस्य के नाम पर योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। कृषकों द्वारा यदि भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त किया गया है तो ऐसे कृषकों को सलाह दी जाती है कि भुगतानित धनराशि को सरेंडर कर दें। जमा करा दें एवं जमापर्ची की एक प्रति उप कृषि निदेशक कार्यालय मथुरा में जमा करा दें, अन्यथा की स्थिति में धनराशि की वसूली हेतु प्रशासनिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

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