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अनियमितता मामले में ग्राम प्रधान अनोड़ा निलंबित

21 लाख की वित्तीय अनियमितता मामले में ग्राम प्रधान अनोड़ा निलंबित

ग्राम प्रधान अनौढा विकास चौधरी के वित्तीय अधिकार जिलाधिकारी ने किया सीज।

मथुरा ( ब्यूरो )21 लाख रुपए की वित्तीय अनियमिता करने के मामले में जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान अनोढा विकास चौधरी को निलंबित कर दिया है ।सभी अधिकार सीज कर दिए हैं।जिला पंचायत राज अधिकारी किरण चौधरी ने बताया कि ग्राम प्रधान के खिलाफ वित्तीय अनियमिता की शिकायत मिली थी। परियोजना निदेशक से मामले की जांच करवाई गई । जांच में आरोप सही पाए गए ।अब जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान विकास चौधरी को निलंबित कर दिया है। उनके सभी अधिकार सीज कर दिए हैं ।जांच में यह बात भी सामने आई है कि ग्राम प्रधान ने अपने अपने खास लोगों को लाभ देने के लिए खेत में ₹5 लाख खर्च करके सड़क बनवा दी थी। बिना काम किए ही धनराशि का भुगतान कर लिया।मनमानी तरीके से कार्य कर धनराशि का गवन किया गया।पंचायत भवन का संचालन भी अपने घर से कर रहे थे ।बार-बार जिलाधिकारी महोदय के कहने के बाद भी हालातो में सुधार नहीं हो रहा था। अब जिलाधिकारी ने मामले में कार्रवाई की है ।इसके पहले भी ग्राम प्रधान विकास चौधरी पर आरोप लगे थे। जिसमें विकास चौधरी को निलंबित किया गया था ।परंतु विकास द्वारा देर से अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया गया,जिससे पूर्व निलंबित कर दिया गया था।विकास द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपील की गई जिसमें न्यायालय ने जिलाधिकारी को कहा कि विकास ग्राम प्रधान के स्पष्टीकरण पर विचार करने की उपरांत निलंबन के विषय में अंतिम निर्णय लें।इसी क्रम में ग्राम प्रधान विकास के स्पष्टीकरण पर अरुण कुमार उपाध्याय परियोजना निदेशक को परीक्षण हेतु नियुक्त किया गया। जिन्होंने अपनी जांच में कहा कि 21 लख रुपए की वित्तीय अनियमितता विकास चौधरी द्वारा किया गया है । गौशाला का निर्माण नहीं हुआ पंचायत घर नहीं बना, खेल मैदान, अमृत सरोवर जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं को नहीं लागू किया गया।और ग्राम पंचायत का विकास कार्य ठप है। ग्राम पंचायत में कोई बैठक नहीं है। ग्राम पंचायत सदस्य को विकास में शामिल नहीं किया गया। और ना ही  ग्राम पंचायत के सदस्यों को कार्य योजना बनाने में शामिल किया जा रहा है ।नियमों की अनदेखी की जा रही है। प्रकरण में अंतिम जांच अधिकारी अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग को बनाया गया है। अधिशासी अभियंता 10 दिवस में अपनी अंतिम रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेंगे।

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